उमा का ‘शिव-राज’ को अल्टीमेटम, 15 जनवरी तक करें शराबबंदी नहीं तो मैं संभालूंगी कमान
यह पहला मौका नहीं जब उमा भारती ने शराबबंदी को लेकर तीखी तेवर दिखाए हों।
भोपाल (जोशहोश डेस्क) मध्यप्रदेश की सियासत में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के ऐलान से फिर हलचल मच गई है। उमा भारती ने शराबबंदी को लेकर शिवराज सरकार को अल्टीमेटम दे डाला है। उमा भारती ने कहा कि प्रदेश में अगर 15 जनवरी तक शराबबंदी नहीं की गई तो वे खुद इस मामले की कमान सँभालते हुए सड़कों पर उतरेंगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा कि शराबबंदी जागरुकता से नही लट्ठ से ही हो सकती है। मैं शिवराज जी ओर विष्णुदत्त शर्मा को 15 जनवरी तक का समय देती हूं। अगर 15 जनवरी तक शराबबंदी नही की तो फिर मैं सड़क पर उतर जाउंगी। तब तक प्रदेश में शराबबंदी को लेकर जागरुकता अभियान चलाया जाएगा।
यह पहला मौका नहीं जब उमा भारती ने शराबबंदी को लेकर तीखी तेवर दिखाए हों। इससे पहले उमा भारती ने 2 फ़रवरी को भी ऐलान किया था कि 8 मार्च को महिला दिवस के अवसर पर शराबबंदी के खिलाफ अभियान शुरू किया जायेगा। उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि मध्य प्रदेश की बेटी खुशबू इस अभियान का नेतृत्व करेंगी। हालांकि इस के बाद उमा भारती के तेवर ढीले पड़ गए थे। उमा भारती का यह ऐलान उस समय आया था जब शिवराज सरकार सरकार वर्ष 2021-22 के लिए जल्द ही नई शराब नीति लागू करने की तैयारी कर रही थी।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने भी उमा भारती के नए और पुराने बयान पर सवाल उठाये हैं-
इससे पहले उमा भारती ने शराबबंदी को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी अनुरोध भी किया था। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा था कि ‘मैं सार्वजनिक अपील करती हूं कि बीजेपी शासित राज्यों में शराबबंदी की तैयारी करिए। बिहार में शराबबंदी का उदाहरण देते हुए उमा भारती ने कहा था कि राजनीतिक दलों को चुनाव जीतने का दबाव रहता है। बिहार में बीजेपी की जीत यह साबित करती है कि शराबबंदी के कारण ही महिलाओं ने एकतरफा वोट नीतीश कुमार को दिया है।