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सागर: हिंदी के वरिष्ठ रचनाकार कांति कुमार जैन का निधन

हिंदी के वरिष्ठ रचनाकार प्रोफेसर कांति कुमार जैन का निधन हो गया। वे 88 वर्ष के थे और बीते कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे।

सागर (जोशहोश डेस्क) हिंदी के वरिष्ठ रचनाकार प्रोफेसर कांति कुमार जैन का निधन हो गया। वे 88 वर्ष के थे और बीते कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। उनके निधन से हिंदी साहित्य जगत में शोक व्याप्त है।

प्रोफेसर कांति कुमार जैन डाॅ हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय में हिंदी के विभागाध्यक्ष भी रह चुके थे। वे वर्ष 1992 में विश्वविद्यालय से सेवानिवृत हुए थे। इसके बाद उन्होंने कई पुस्तकों का लेखन और संपादन भी किया।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने प्रोफेसर कांति कुमार जैन के निधन को साहित्य जगत के लिए एक बड़ी क्षति बताया है-

सागर जिले के देवरीकलां में 9 सितंबर 1932 को कांति कुमार जैन का जन्म हुआ था। बचपन से ही हिंदी को लेकर उनका विशेष अनुराग रहा। हाईस्कूल से लेकर विश्वविद्यालय तक की सभी परीक्षाएं उन्होंने स्वर्ण पदक के साथ उत्तीर्ण की थीं।

कांति कुमार जैन ने तुम्हारा परसाई, बैकुंठपुर में बचपन, महागुरू मुक्तिबोध जैसी अद्वितीय पुस्तकों के लेखन के साथ ही छत्तीसगढ़ की जनपदी शब्दावली पर भी महत्वपूर्ण शोधकार्य किया। इसके अलावा ‘छत्तीसगढ़ी: बोली और व्याकरण कोष’ की रचना की। हिंदी साहित्य की सेवा के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया।

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