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इंदौर: चूड़ी वाले तस्लीम को मिली ज़मानत, पिटाई का वीडियो हुआ था वायरल

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने मंगलवार को दी जमानत। 23 अगस्त को किया गया था गिरफ्तार।

इंदौर (जोशहोश डेस्क) इंदौर में भीड़ की पिटाई का शिकार हुए और छेड़छाड़ के मामले में गिरफ्तार चूड़ी बेचने वाले तस्लीम को आखिरकार जमानत मिल गई। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने मंगलवार को तस्लीम अली को जमानत दे दी। तस्लीम अली को 23 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था, जब एक 13 वर्षीय बच्ची ने उसके खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी।

इंदौर में चूड़ी बेचने के दौरान तस्लीम अली से मारपीट की गई थी। इंदौर के गोविंद नगर इलाके में बीते 22 अगस्त को तस्लीम अली को पीटे जाने का मामला सामने आया था। तब यह मामला सांप्रदायिक द्वेष का माना जा रहा था और देश भर में चर्चित हुआ था।

कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन इमरान प्रतापगढी ने तस्लीम को जमानत मिलने की खबर साझा की है-

तस्लीम की पटाई का वीडियो भी वायरल हुआ था। तस्लीम का आरोप था कि वह इंदौर के गोविन्द नगर इलाक़े में चूड़ियाँ बेच रहा था, तभी कुछ लोग उनके पास आए उनका नाम पूछा और नाम बताने पर उन्हें बुरी तरह मारने लगे, उनसे 10 हज़ार रुपए और मोबाइल भी छीन लिया। वायरल वीडियो में भी भगवा रंग का कुर्ता पहने एक शख़्स तस्लीम को बुरी तरह पीटते नज़र आया था।

सोशल मीडिया में वीडियो वायरल होने के बाद तस्लीम अली को 23 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। तस्लीम के खिलाफ यह कार्रवाई एक 13 वर्षीय बालिका ने यौन उत्पीड़न की शिकायत पर की गई थी। तस्लीम पर पहचान को छिपाने और छेड़छाड़ का आरोप था। इसके अलावा तस्लीम के खिलाफ धोखाधड़ी का केस भी दर्ज किया गया था। उसके पास दो आधार कार्ड बरामद किए गए थे। दोनों में ही उसका नाम अलग-अलग था।

तस्लीम की गिरफ्तारी को लेकर सवाल भी उठे थे। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने शिवराज सरकार पर पिटाई करने वालों को बचाने का आरोप लगाया था। आरिफ मसूद ने कहा था कि वीडियो में साफ़ है कि तस्लीम को बेरहमी से पीटा गया, जबकि वो गिड़गिड़ा रहा था और फिर उस पर ही कार्रवाई की गई। ये सबकुछ सरकार के संरक्षण में किया जा रहा है।

इससे पहले तस्लीम अली की जमानत अर्जी खारिज होती रही है। कोर्ट में तस्लीम अली की जमानत का विरोध करते हुए पुलिस अधिकारी तर्क दे रहे थे कि वह यूपी का रहने वाला है। यदि उसे जमानत दे दी गई तो फिर उसके खिलाफ जांच करना मुश्किल होगा।

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