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शिवसेना ने क्यों लगाया ईडी कार्यालय में ‘भाजपा कार्यालय’ का पोस्टर ?

प्रवर्तन निदेशालय के नोटिस के बाद शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने ईडी कार्यालय के सामने ‘भाजपा कार्यालय’ का बैनर लगाया है।

मुंबई(जोशहोश डेस्क) लगातार प्रवर्तन निदेशालय (ED) का दुरुपयोग करने के आरोपों के चलते आज शिवसेना ने मुंबई के ईडी कार्यालय पर भारतीय जनता पार्टी का बैनर चस्पा कर दिया।

कहा जा रहा है कि शिवसेना ने यह बैनर लगातार उन घटनाओं के बाद किया है जिनमें की चुन-चुन कर प्रवर्तन निदेशालय, विपक्ष के नेताओं खासतौर से कांग्रेस, एनसीपी, शिवसेना तथा गैर भाजपा दलों के लोगों को निशाने पर ले रहा था। पिछले चार-पांच वर्षों के दौरान देखने में आया है कि लगातार प्रवर्तन निदेशालय उन राज्यों में जहां पर चुनाव है अथवा विपक्ष की सरकार है वहां पर निरंतर राजनैतिक नेताओं और उनसे जुड़े लोगों को नोटिस और उन पर मुकदमे बना रहा है।

ईडी ने किया संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को तलब

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने वरिष्ठ शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) की पत्नी वर्षा राउत (Varsha Raut) को पीएमसी बैंक धोखाधड़ी (PMC Bank Fraud) मामले के संबंध में पूछताछ के लिए तलब किया है, अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। ईडी (ED) के एक वरिष्ठ अधिकारी के नाम न बताए जाने की शर्त पर कहा कि “हमने इस वर्ष राउत को 29 दिसंबर को एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए कहा है। उन्हें मुंबई कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया है।“

वर्षा राउत को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा समन जारी होने के एक दिन बाद महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी की सहयोगी पार्टियां भारतीय जनता पार्टी के विरोध में उतर गई हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस ने शिव सेना नेताओं के साथ मिलकर विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए भाजपा पर हमला बोला और कहा कि भाजपा की नीतियों के खिलाफ बोलने वालों को टारगेट किया जाता है।

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राउत ने एक ट्वीट किया, जो 1981 के एक लोकप्रिय बॉलीवुड गीत, आ देखें जरा, किसमे कितना है दम, जम के रखना कदम, मेरे साथिया पर आधारित था।



यह कहते हुए कि उन्हें इस तरह के नोटिस के बारे में परवाह नहीं है, राउत ने स्पष्ट किया कि अगर ईडी अपना काम कर रहा है तो यह कानूनी होना चाहिए, लेकिन अगर अवैध है, तो उसे (ईडी) अधिक सावधान रहना चाहिए। यह कहते हुए कि कोई ईडी नोटिस नहीं मिला है, राउत ने भाजपा पर निशाना साधा – मैंने अपने आदमी को बीजेपी कार्यालय में भेजा है। अगर ईडी नोटिस वहां भेजा गया है, तो हमें पता चल जाएगा।


सहयोगी दलों ने किया संजय राउत का समर्थन


राकांपा नेता और गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि केंद्र में भाजपा राजनीतिक विरोधियों के बीच भय पैदा करने के लिए ईडी और सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है, जो एक शर्मनाक बात है। देशमुख ने कहा, जो भी भाजपा या उसकी नीतियों के खिलाफ बोलने की हिम्मत करता है, उसे ईडी-सीबीआई द्वारा निशाना बनाया जाता है। हमने इस तरह की राजनीति कभी नहीं देखी।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने कहा कि जब से भाजपा ने केंद्र में सत्ता संभाली है, केंद्रीय एजेंसियों को विपक्षी दलों पर इस तरह से निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन हमारी सरकार इस तरह की धमकी से डरने वाली नहीं है।

शिवसेना के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे ने भी ईडी नोटिस को राजनीति बताया, जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री और राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा, ईडी के नोटिसों को गंभीरता से लेने की आवश्यकता नहीं है। पटेल ने कहा कि ऐसे कई लोग हैं, जिन्हें ऐसे व्यक्तियों की संलिप्तता के बिना ईडी नोटिस मिलता है। अगर कोई वास्तव में दोषी है, तो यह सामने आएगा और यहां तक कि इसके पीछे की राजनीति भी पहचानी जाएगी।

शिवसेना ने कहा – भाजपा के खिलाफ बोलना मतलब ईडी का नोटिस


मुंबई के गार्डियन मंत्री असलम खान ने कहा कि इससे पहले कि कोई भी भाजपा के खिलाफ बोले तो उसे ईडी-सीबीआई से ऐसे नोटिस के लिए तैयार रहना चाहिए। ये सब भाजपा के शासन में पिछले कुछ वर्षों में आदर्श बन गए हैं। बता दें कि ईडी ने वर्षा राऊत को पूछताछ के लिए 29 दिसंबर को बुलाया है, जिसके बाद 30 दिसंबर को वरिष्ठ राकांपा नेता एकनाथ खडसे को नोटिस दिया गया – जिन्होंने पिछले अक्टूबर में भाजपा छोड़ दी। इसके अलावा एक अन्य वरिष्ठ नेता प्रताप सरनायक और उनके परिवार के खिलाफ भी जांच चल रही है। खडसे को पुणे भूमि सौदे के बारे में समन भेजा गया है जबकि वर्षा राउत को पीएमसी बैंक से संबंधित एक मामले में पेश होना है।

भाजपा ने कहा – जवाब तो देना होगा


भाजपा की ओर से, महाराष्ट्र के नेता किरीट सोमैया ने राउत को इस मामले में निर्दोष साबित करने को कहा और पूछा कि क्या उनका परिवार पीएमसी बैंक घोटाले में लाभार्थी है? सोमैया ने रविवार देर रात सोशल मीडिया पर एक ट्वीट और वीडियो में कहा, मैंने संजय राउत परिवार को ईडी के नोटिस के बारे में सुना। क्या श्री राउत हमें बताएंगे कि उनका परिवार लाभार्थी है? क्या इससे पहले उन्हें किसी भी जांच में नोटिस मिले हैं? पीएमसी बैंक घोटाले में 10 लाख जमाकर्ता पीड़ित हैं। अगर ईडी को कोई जानकारी चाहिए तो राजनीतिक संरक्षण एक स्वस्थ विचार नहीं है। सभी पीएमसी बैंक के पुनरुद्धार चाहते हैं।

(इस खबर के इनपुट आईएएनएस से लिए गए हैं।)

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