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हे मानव : रेमडेसिविर के बाद अब प्लाज्मा की कालाबाजारी, ग्वालियर में दो गिरफ्तार

ग्वालियर (जोशहोश डेस्क) मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल है। वहीं प्रदेश में कालाबाजारी भी जमकर हो रही है। अबतक सिर्फ रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी सुनने को मिलती थी, लेकिन अब प्लाज्मा की भी कालाबाजारी होने लगी है। ग्वालियर के सबसे बड़े अस्पताल के वार्ड बॉय, आईसीयू अटेंडर एक ऑटो चालक एजेंट के साथ मिलकर मुफ्त में मिला प्लाज्मा 20 हजार रुपए में बेच रहे थे।

इन लोगों को टीआई झांसी रोड मिर्जा आसिफ बेग ने खुद कोविड पेशेंट का परिजन बता कर फंसाया। उन्होंने पहले इन लोगों से प्लाज्मा को लेकर बात की और बाद में तय हुआ कि एक बैग प्लाज्मा 20 हजार रुपए में खरीदा जाएगा। जब आरोपी प्लाज्मा लेकर आया तो पुलिस न उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के बाद दूसरे आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में यह खुलासा हुआ है कि वह अबतक 10 प्लाज्मा पैकेट बेच चुके हैं। यह लोग लोगों की मजबूरी का फायदा उठाते थे। आरोपियों के पास मिला प्लाज्मा असली था लेकिन उसके साथ जो सर्टिफिकेट मिला वह फर्जी है। रैकेट के दो सदस्य गिरफ्तार हो चुके हैं। जबकि आईसीयू अटेंडर अभी भी फरार है।

फ्री का प्लाज्मा 20 हजार में बेचते थे

प्लाज्मा बेचने वाले ये लोग प्लाज्मा बैंक से ही प्लाज्मा लाते थे। ये प्लाज्मा असली होता था। इसमें अस्पताल का ही कर्मचारी सुपर स्पेशियलिटी में भर्ती दिखाकर फर्जी नाम से बैंक से प्लाज्मा ले लेते थे। इसके बाद इसे बाहर 20 से 30 हजार रुपए में बेच देते थे। बता दें कि पिछले साल भी प्लाज्मा की कालाबाजारी करते हुए एक गिरोह पकड़ाया था। वह गिरोह मिलावटी प्लाज्मा बेचता था।

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