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राजस्थान में वोटिंग से पहले ED एक्सपोज, सत्ता किस हद तक करेगी दुरुपयोग?

राजस्थान चुनाव के दौरान सुर्खियों में रही प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्यशैली मतदान से ठीक पहले छत्तीसगढ़ में हो गई एक्सपोज

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) राजस्थान में चुनावी रण में 25 नवंबर को वोटर ‘रिवाज या राज’ के लिए मतदान कर रहा है। वहीं राजस्थान चुनाव के दौरान सुर्खियों में रही प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्यशैली मतदान से ठीक पहले छत्तीसगढ़ में एक्सपोज हो गई। इसके बाद सवाल उठाया जा रहा है कि आखिर सत्ता कब तक जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करेगी।

दरअसल महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ्तार कथित कैश कूरियर असीम दास ने सीएम भूपेश बघेल पर लगाए आरोपों को कोर्ट में नकार दिया है। दास ने स्पेशल कोर्ट के सामने दावा किया कि उसे एक साजिश के तहत फंसाया गया था और उसने कभी भी राजनेताओं को नकदी नहीं पहुंचाई थी।

बड़ी बात यह है कि कथित कैश कूरियर असीम दास और कांस्टेबल भीम सिंह यादव को ईडी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण से चार दिन पहले 3 नवंबर को गिरफ्तार किया था। इसके बाद ED ने दावा किया था कि महादेव सट्टेबाजी ऐप प्रमोटरों ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया था।

ईडी ने कहा कहा था कि दास के पास से 5.39 करोड़ रुपये नकद पाए जाने के बाद उसे रायपुर में गिरफ्तार किया गया है। ED के मुताबिक़ उसे कांग्रेस के चुनावी खर्चों के लिए बड़ी मात्रा में नकदी देने के लिए यूएई से ऐप प्रमोटरों द्वारा भेजा गया था। भाजपा ने ED के दावों को बड़ा चुनावी मुद्दा बनाते हुए भूपेश बघेल के खिलाफ भ्र्ष्टाचार के आरोप लगाए थे। यहाँ तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसे लेकर चुनावी सभाओं में CM बघेल पर ज़ुबानी हमले किये थे।

अब राजस्थान में मतदान के ठीक पहले छत्तीसगढ़ में ईडी के माध्यम से बनाए नकारात्मक प्रचार की पोल खुल गई है। ईडी के दावे के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ घेराबंदी को कोर्ट में मुंह की खानी पड़ी है। कोर्ट के इस घटनाक्रम के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने लिखा कि आज राजस्थान की जनता प्रधानमंत्री झूठ बोलो योजना को ठुकराएगी और मोदी सरकार को समझाएगी कि ED और CBI के दुरुपयोग की भी सीमा होती है। इस बार राजस्थान में रिवाज़ बदल रहा है। लोग ध्रुवीकरण की राजनीति को ठुकराकर कांग्रेस की उपलब्धियों और गारंटियों पर वोट कर रहे हैं।

राजस्थान के चुनाव से पहले राज्य में ईडी की सक्रियता को लेकर सवाल लगातार उठ रहे थे। यह आरोप लगाए जा रहे थे कि केंद्र सरकार ईडी के माध्यम से राज्य सरकार के खिलाफ नकारात्मक अभियान चला रही है। अगर राज्य के चुनाव की बात की जाये तो राजस्थान में लंबे समय से हर पांच साल बाद सकता परिवर्तन का रिवाज रहा है। ऐसे में देखना यह है कि इस बार वोटर रिवाज कायम रखते हैं या राज। मतदान सुबह 7 बजे प्रारम्भ हुआ और शाम 6 बजे तक चलेगा।

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