नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की कोरोना को लेकर चेतावनी और सुझाव लगातार सही साबित होते जा रहे हैं। यह बात अलग है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन चेतावनियों की अनदेखी की और उनके समर्थकों यहाँ तक कि केंद्रीय मंत्रियों तक ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का मजाक बनाया। हालिया मामला विदेशी फार्मा कंपनियों की वैक्सीन को भारत में अनुमति देने का रहा।
इसमें भी पहले केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और स्मति ईरानी ने राहुल गांधी पर विदेशी कंपनियों के लिए लाॅबिंग करने का आरोप लगाया था। वहीं चार दिन बाद प्रधानमंत्री ने राहुल गांधी के सुझाव के मुताबिक ही विदेशी कंपनियों की प्रमाणिक वैक्सीन के प्रयोग को भारत में उपयोग की अनुमति दे दी।
राहुल गांधी ने बीते शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर तत्काल कोविड-19 की वैक्सीन का निर्यात रोकने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि नियम और कायदों के तहत अन्य वैक्सीनों को भी जल्द से जल्द भारत में मंजूरी दी जाए। ताकि जिस किसी को भी इसकी जरूरत है, वह उसे मिले।
इस पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया था कि पार्ट टाइम राजनीति में फेल होने के बाद अब राहुल गांधी विदेशी फार्मा कंपनियों द्वारा तैयार की गई कोरोना वैक्सीन को भारत में मंजूरी दिलाए जाने की फुल टाइम लॉबिंग कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी रविशंकर प्रसाद के सुर में सुर मिलाया था
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और रविशंकर प्रसाद उस समय कुछ कहने की स्तिथि में नहीं रहे जब राहुल गांधी के पत्र के चार दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेशी कंपनियों की मानक वैक्सीनों को भारत में इस्तेमाल की अनुमति दे दी।
इससे पहले भी राहुल गांधी की कोरोना को लेकर चेतावनी और सुझाव सही साबित हुए थे। राहुल गांधी की चेतावनियों और सुझावों के साथ केंद्र सरकार के रवैए को ट्विटर हैंडल https://twitter.com/Folitically ने बकायदा एक थ्रेड में ट्वीट किया है। जो यह बता कर रहा है कि राहुल गांधी का कहा कोरोना में किस हद तक सच साबित हुआ।
अब कोरोना अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ चुका है लम्बे लॉकडाउन के बाद भी हालत सुधरने की बजाय बदतर होते जा रहे हैं। मरीज़ों और मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अस्पतालों में न बेड मिल पा रहा है न ऑक्सीजन। इन हालात में भी केंद्र सरकार बंगाल चुनाव में ज्यादा व्यस्त दिख रही है।