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डील पर सवाल: इंडोनेशिया ने भारत से कम कीमत में खरीदे ज्यादा राफेल

भारत से कम कीमत में फ्रांस से डील, खुलासे के बाद भारत में राफेल को लेकर फिर उठे सवाल।

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) इंडोनेशिया ने भी फ्रांस से लड़ाकू विमान राफेल को खरीदने का सौदा किया है। इंडोनेशिया ने 42 राफेल की डील 8.1 अरब डाॅलर में की है। इंडोनेशिया की डील के खुलासे के बाद भारत में राफेल को लेकर फिर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि इंडोनेशिया ने भारत से कम कीमत में छह राफेल ज्यादा खरीदे हैं।

जनसत्ता की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों देशों के बीच गुरुवार को इस डील पर दस्तखत किए गए। इंडोनेश‍िया ने 8.1 अरब डॉलर में 42 राफेल व‍िमान खरीदने का सौदा क‍िया है। वहीं भारत ने 2016 में फ्रांस से 36 राफेल व‍िमानों का सौदा क‍िया था। भारत ने 36 व‍िमानों के ल‍िए ही 8.7 अरब डॉलर में डील की थी।

फ्रांसीसी रक्षा मंत्रालय के अफसर ने बृहस्पतिवार को बताया कि पहले फेज में अगले कुछ माह के दौरान जकार्ता को 6 राफेल सौंपे जाएंगे। बाकी के 36 विमान अगले दौर में हस्तांतरित किए जाएंगे। इनका हैंडओवर या तो इस साल के आखिर में या फिर अगले साल की शुरुआत में हो सकता है।

इंडोनेशिया द्वारा भारत से कम कीमत में खरीदे ज्यादा राफेल खरीदने की खबर सामने आते ही सोशल मीडिया पर सवाल उठने लगे हैं-

गौरतलब है कि भारत में 2019 के आम चुनाव से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राफेल खरीद में गड़बड़ी का आरोप लगाकर पीएम नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा था। कांग्रेस इस मामले में जेपीसी जांच की मांग करती रही लेकिन सरकार ने इसे अनसुना कर दिया था । मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा था लेकिन तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई की बेंच ने याचिका को खारिज कर दी थी।

वहीं फ्रेंच पोर्टल ‘Mediapart’ ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया था कि राफेल डील के बिचौलिये सुशेन गुप्‍ता को करीब 7.5 मिलियन यूरो (लगभग 650 मिलियन या 65 करोड़ रुपये ) का भुगतान किया था लेकिन भारतीय एजेंसियां, दस्‍तावेज होने के बावजूद इसकी जांच करने में नाकाम रहीं।

भारत में पांच राफेल विमानों का पहला जत्था 29 जुलाई 2020 को पहुंचा था। इन विमानों को अंबाला में आधिकारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। अभी तक भारत को दसॉल्ट एविएशन से कुल 26 राफेल विमान मिल चुके हैं। बाकी की आपूर्ति 2022 में की जानी है।

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