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याचिका खारिज: अपने ही आज़ाद बलात्कारियों के बीच उम्र भर की कैद काटेगी बिलकिस

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की बिलकिस बानो की पुनर्विचार याचिका, गैंगरेप और उसके परिवार के हत्या के 11 दोषियों को बरी करने को दी थी चुनौती

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को बिलकिस बानो की याचिका को खारिज कर दिया। बिलकिस बानो ने 2002 के गैंगरेप और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या के 11 दोषियों को बरी करने को चुनौती दी। इन दोषियों को इसी साल 15 अगस्त को जेल से रिहा किया गया।

याचिका में बिलकिस बानो ने 2002 के गैंगरेप और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या के 11 दोषियों को बरी करने को चुनौती दी थी कि कोर्ट उस आदेश की समीक्षा करे, जिसके तहत उसने गुजरात सरकार को 1992 की नीति के तहत दोषियों को छूट देने पर विचार के लिए कहा था।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बिलकिस बानो के वकील की इस याचिका पर विचार करने से भी इनकार कर दिया था, जिसमें 2002 गोधरा दंगों के दौरान उसके साथ सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या करने वाले 11 दोषियों को समय से पहले बरी किए जाने को चुनौती देने वाली उसकी याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग की गई थी।

दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को लेकर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं आ रही हैं-

गौरतलब है कि साल 2002 के गोधरा दंगों के दौरान बिलकिस के साथ सामूहिक दुष्कर्म और उनके परिवार के सदस्यों की हत्या करने के मामले में 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा हुई थी। हालांकि, गुजरात सरकार ने दोषियों को रिहा 15 साल जेल की सजा काटने के बाद रिहा कर दिया। गुजरात सरकार का कहना है कि उसने अपनी सजा माफी नीति के अनुरूप 11 दोषियों को छूट दी है। इन दोषियों को इसी साल 15 अगस्त को जेल से रिहा किया गया। दोषियों को गोधरा उप-जेल में 15 साल से अधिक की सजा काटने के बाद छोड़ा गया है।

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