Chhattisgarh

दिग्गज आदिवासी नेता नंदकुमार साय का BJP से मोहभंग, कांग्रेस में होंगे शामिल

छत्तीसगढ़ में भाजपा को बड़ा झटका, नंदकुमार साय ने BJP से दिया इस्तीफा

रायपुर (जोशहोश डेस्क) छत्तीसगढ़ में भाजपा को बड़ा झटका लगा है। दिग्गज आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने BJP से इस्तीफा दे दिया है। पांच बार के सांसद और 3 बार के विधायक नंदकुमार साय ने पार्टी पर छवि धूमिल करने का आरोप लगाया है। इस्तीफे के बाद नंद कुमार साय के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें हैं।

बताया जा रहा है कि साय की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और अन्य नेताओं से चर्चा हो चुकी है। कांग्रेस में जाने का फैसला होने के बाद ही रविवार को उन्होंने भाजपा से इस्तीफा दे दिया। वे सोमवार को कांग्रेस में आधिकारिक रूप से शामिल हो जाएंगे। कांग्रेस में जाते ही उन्हें बड़ा पद दिए जाने के संकेत हैं।

नंद कुमार साय ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव को खत लिख कर भाजपा की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा देने की बात कही है। उन्होंने लिखा कि ‘ आज भारतीय जनता पार्टी जिसके गठन से लेकर आज पर्यन्त तक पूरे मेहनत एवं ईमानदारी से सींच कर फर्श से अर्श तक पहुंचाया था, उसे छोड़ते समय अत्यंत पीड़ा एवं दुख तो हो रहा है, लेकिन वर्तमान में पार्टी में मेरी छवि एवं गरिमा को जैसे आहत किया जा रहा था, उसके अनुरूप अपने आत्मसम्मान को देखते हुए मेरे पास अन्य कोई विकल्प नही बचा है। पिछले कुछ वर्षों से भारतीय जनता पार्टी में मेरी छवि धूमिल करने के उद्देश्य से मेरे विरुद्ध अपने ही पार्टी के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों द्वारा षडयंत्र पूर्वक मिथ्या आरोप अन्य गतिविधियों द्वारा लगातार मेरी गरिमा को ठेस पहुंचाया जा रहा है, जिससे मैं अत्यंत आहत महसूस कर रहा हूं। बहुत गहराई से विचार करने के बाद मैं भारतीय जनता पार्टी की अपनी प्राथमिक सदस्यता अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं।’

साय को छत्तीसगढ़ में भाजपा की नींव रखने वाले नेताओं में से एक माना जाता है। पूर्व अध्यक्ष लखीराम अग्रवाल के साथ मिलकर उन्होंने छत्तीसगढ़ में भाजपा का संगठन खड़ा करने में अहम भूमिका निभाई है। साय छत्तीसगढ़ के प्रथम नेता प्रतिपक्ष रहे हैं। वे सांसद रहने के अलावा अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष भी रहे हैं।

भाजपा में ऐसा माना जाता रहा है कि आदिवासियों के बीच साय सर्वमान्य नेता हैं। आदिवासी बहुल राज्य छत्तीसगढ़ में साय का भाजपा छोड़ना बड़ा झटका होगा। कांग्रेस आने वाले विधानसभा में साय के प्रभाव का इस्तेमाल करना चाहेगी। विधानसभा चुनाव के बाद अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस साय के चेहरे को सामने करेगी।

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