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प्रदेश में पैर पसारता कोरोना, भोपाल-इंदौर पर खास नज़र

मध्यप्रदेश में कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए जहां एक ओर टीकाकरण का दौर जारी है तो दूसरी ओर मरीजों की संख्या में एक बार फिर इजाफा दर्ज किया जाने लगा है।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) मध्यप्रदेश में कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए जहां एक ओर टीकाकरण का दौर जारी है तो दूसरी ओर मरीजों की संख्या में एक बार फिर इजाफा दर्ज किया जाने लगा है। इससे सरकार की चिंताएं बढ़ गई हैं। इसके लिए महाराष्ट्र के सीमावर्ती जिलों में एहतियात बरते जा रहे हैं, वहीं राजधानी भोपाल व इंदौर पर खास नजर है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये दोनों जिले सबसे ज्यादा संक्रमित रहे हैं।

राज्य में कोरोना मरीजों का आंकड़ा तीन सौ से चार सौ के बीच बना हुआ है। मरीजों की बढ़ती संख्या ने ही सरकार की चिंता बढ़ा दी है। सबसे ज्यादा मरीज इंदौर और भोपाल में सामने आ रहे है। बुधवार को इंदौर में जहां 156 मरीज मिले तो वहीं भोपाल में 90 मरीज सामने आए। यही कारण है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दोनों जिलों में खास एहतियात बरतने के लिए कहा है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि भोपाल और इंदौर महानगर में बढ़ते प्रकरणों को देखते हुए सभी एहतियात बरतें। इसके साथ ही अन्य नगरों में भी आवश्यक एहतियात बरतना आवश्यक है। नागरिक खुद भी सजग रहें और प्रशासन द्वारा भी रोको टोको अभियान अवश्य संचालित किया जाए। यह जागरूकता हमें रोग को फैलने से बचाएगी और हम गत 11 माह में जिस समस्या से दो-चार होने के बाद सामान्य स्थिति में आ रहे हैं, वह कायम रह सकेगी।

मुख्यमंत्री चौहान ने मंत्रियों और अधिकारियों के साथ हुई बैठक में कहा कि विशेष रूप से महाराष्ट्र सीमावर्ती जिलों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए पड़ोसी राज्य से आने-जाने वालों की वजह से प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में समस्या का विस्तार न हो, इस आशंका को निर्मूल किया जाए। फेस मास्क, सैनिटाइजर के उपयोग और बड़े मेलों और जलसों के आयोजन पर नियंत्रण का कार्य भी किया जाए।

बैठक में बताया गया कि उज्जैन में महाशिव रात्रि पर्व पर एक लाख से अधिक श्रद्धालु आमतौर पर जुड़ते हैं, जिनकी इस वर्ष अनुमानित संख्या 20 से 25 हजार ही होगी। अन्य स्थानों पर भी धार्मिक आयोजनों में नागरिकों की संख्या सीमित रखने और बड़े आयोजन संपादित न करने के निर्देश दिए गए हैं।

बताया गया है राज्य के सीमावर्ती जिलों में भी कुछ प्रकरण सामने आए हैं। इनमें बैतूल और छिंदवाड़ा में 14-14 प्रकरण मिले हैं। बुरहानपुर में आठ प्रकरण मिले हैं। झाबुआ में चार, बड़वानी और खंडवा में तीन-तीन प्रकरण मिले हैं। इसको लेकर सरकार चिंतित है।

टीकाकरण के संदर्भ में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि शासकीय अस्पतालों में वैक्सीन निशुल्क लगाई जा रही है। प्राथमिकता वाले समूहों में निर्धारित वर्ग को पहले वैक्सीन लगाई जा रही है। इसके अलावा निजी स्तर पर भी यह कार्य सशुल्क संपादित हो रहा है। मार्च माह में प्रदेश को एक करोड़ 60 लाख वैक्सीन प्राप्त होने की आशा है। इसके अनुरूप ही निर्धारित प्राथमिकता ग्रुप्स और मापदंडों के अनुसार वैक्सीन नागरिकों को लगाई जाएगी।

बताया गया है कि मध्य प्रदेश में कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार चल रहा है। प्रदेश में तीन लाख 56 हजार 812 स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रथम डोज दिया जा चुका है। इसी तरह एक लाख 94 हजार 921 कार्यकर्ताओं को दूसरा डोज दिया जा चुका है। प्रदेश के दो लाख 99 हजार 965 फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्रथम डोज दिया जा चुका है। 45 से 59 वर्ष के विभिन्न व्याधियों से ग्रस्त 3,696 व्यक्तियों को वैक्सिन लगाई जा चुकी है, जबकि प्राथमिकता आयु समूह के 60 वर्ष से अधिक के 38 हजार 270 नागरिकों को वेक्सीन लगाई जा चुकी है।

वर्तमान में राज्य के अस्पतालों के अधिकांश ऑक्सीजन और आईसीयू बेड खाली हैं। जो रोगी पॉजिटिव पाए गए हैं, उनमें करीब दो तिहाई घर पर ही उपचार लाभ ले रहे हैं। दाखिल होने वाले रोगियों की संख्या निरंतर कम हुई है। मध्यप्रदेश का रिकवरी रेट 97.4 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय प्रतिशत 97.1 से अधिक है।

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