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ये बात ‘अधिकारी’ नहीं समझेंगे, शिवराज में भाजपा नेता की पीड़ा के क्या हैं मायने ?

पूर्व प्रदेश मीडिया प्रभारी डाॅक्टर हितेष वाजपेयी द्वारा संविदा नर्सेस को लेकर किये गए बेबाक ट्वीट के कई मायने निकाले जा रहे हैं।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) वर्ल्ड डाॅक्टर्स डे पर गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जहां डाॅक्टरों को सम्मानित कर रहे हैं, वहीं हमीदिया अस्पताल में 300 से ज्यादा नर्सिंग स्टाफ बेमियादी हड़ताल पर है। ऐसे में भाजपा नेता और पूर्व प्रदेश मीडिया प्रभारी डाॅक्टर हितेष वाजपेयी द्वारा संविदा नर्सेस को लेकर किये गए बेबाक ट्वीट के कई मायने निकाले जा रहे हैं।

डाॅक्टर हितेष वाजपेयी ने अपनी आप बीती बताते हुए लिखा कि- ये बात सच है कि जब देश को जरूरत थी तब “संविदा” पर नर्सेस ने बहुतों को मृत्यु से बचाया है उनमें से मैं भी एक हूं जो हमीदिया में भर्ती रहा। उनकी असुरक्षा को दूर कर ही हम नर्सेस के ऋण से “मुक्त” हो सकते हैं न कि उन्हें “मुक्त” कर।
हलांकि ये बात “अधिकारी” नहीं समझेंगे !

उनका यह ट्वीट बेमियादी हड़ताल पर गए नर्सिंग स्टाफ के समर्थन में तो माना ही जा रहा है, साथ ही यह सवाल भी उठा रहा है कि आखिर शिवराज में बात न समझने वाले कौन से अधिकारी हैं जिनकी ओर इशारा किया जा रहा है? सवाल यह भी है कि अगर सरकार नर्सिंग स्टाफ की समस्या को समझ रही है तो फिर क्या अधिकारी सरकार की ही नहीं सुन रहे हैं?

यह भी कहा जा रहा है कि हितेष वाजपेयी नर्सिंग स्टाफ की मांगों को लेकर अपनी ही सरकार से नाराज हैं और अधिकारियों की आड़ लेकर अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। कहा यह भी जा रहा है कि डाॅ हितेष वाजपेयी अब सत्ता और संगठन में भी उपेक्षित हैं, नर्सिंग स्टाफ को लेकर उनका यह ट्वीट इसी उपेक्षा का नतीजा है।

हालाकि ये पहली बार नहीं जब डॉ. हितेष वाजपेयी ने चिकित्सा क्षेत्र को लेकर अपनी राय दी हो। इससे पहले वे प्रदेश में आईएएस मुक्त चिकित्सा प्रबंधन की वकालत कर चुके हैं। कोरोना संक्रमित पाए जाने पर जब वे हमीदिया अस्पताल में अपना इलाज करा रहे थे तब उन्होंने एक ट्वीट में कहा था कि अब समय आ गया है कि हम चिकित्सा महाविद्यालय को सैनिक परिसर की तरह ट्रीट करें। चिकित्सा कैंटीन,चिकित्सा क्लब,आईएएस मुक्त परिसर प्रबंधन,परिसर पर्यावास,स्वस्थ मन-तन व सामाजिक आर्थिक सुरक्षा युक्त जीवन उन्हें दें। इसके फलस्वरूप ये चिकित्सा समुदाय सभी विपत्तियों से निपट लेंगे।

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