किसानों को डेढ़ साल बाद बीमा राशि का वितरण, उत्सव नहीं ये माफी दिवस
मुख्यमंत्री शिवराज ने किया खरीफ 2020 व रबी 2020-21 के क्षतिपूर्ति दावों का भुगतान, डेढ़ वर्ष की देरी पर कमलनाथ ने उठाए सवाल।
भोपाल (जोशहोश डेस्क) मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को बैतूल में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को फसल क्षति दावा राशि का वितरण किया। मुख्यमंत्री चौहान द्वारा खरीफ 2020 और रबी 2020-21 के 49 लाख क्षतिपूर्ति के दावों का भुगतान किया गया। वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने डेढ़ वर्ष बाद क्षतिपूर्ति दावों के भुगतान के भव्य कार्यक्रम पर सवाल खड़े करते हुए इसे माफी दिवस करार दिया।
कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश के किसानों को खरीफ-2020 और रबी 2020-21 की फसल बीमा की दावा राशि डेढ़ वर्ष से अधिक समय बाद आज दी जा रही है, जिसका प्रीमियम ख़ुद किसान भी भरते है और शिवराज सरकार आज इसे भी उत्सव के रूप में मना रही है। जबकि इसे तो शिवराज सरकार को देरी से भुगतान के लिये किसानो से माफी दिवस के रूप में मनाना चाहिये।
कमलनाथ ने सवाल उठाया कि जब डेढ़ से 2 वर्ष पुरानी ख़राब फ़सलो की फसल बीमा की राशि आज मिल रही है तो हाल ही में ओलावृष्टि और अतिवर्षा से खराब फसलों की राशि कब मिलेगी, समझा जा सकता है। कमलनाथ ने कहा कि दावे तो बड़े-बड़े किये गये थे, 7 दिन में सर्वे व मुआवज़े की बात की गयी थी। दो माह के क़रीब हो चुके हैं, ना कोई राहत, ना कोई मुआवज़ा, अभी तक तो सर्वे का काम भी पूरा नहीं हो पाया है। किसानों को ना कोई राहत, ना मुआवजा, ना फसल बीमा की राशि, ना पूर्व की गेहूं की बोनस की राशि और उसके बावजूद भी सरकार उत्सव मनाने में लगी है.?
वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फसल क्षति दावा राशि के वितरण कार्यक्रम में कहा कि पिछले दिनों मेरे जिन किसान भाई-बहनों की फसल का नुकसान हुआ है, उसकी भी राहत राशि जल्द ही सिंगल के माध्यम से आपके बैंक खातों में दी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हर खेत की प्यास बुझाने के लिए कटिबद्ध हैं, ताकि हमारे अन्नदाता के खेतों में फसलें लहलहायें।
कार्यक्रम में सीएम शिवराज ने गांव के मास्टर प्लान बनाए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि अब शहरों का ही नहीं गांव का भी मास्टर प्लान बनेगा, जिससे गांव में सभी आवश्यक संसाधनों की पूर्ति हो सके, ग्रामीणों का जीवन सहज सुविधाजनक बन सके। हम अपने गांव का साल में एक बार जन्मदिवस अवश्य मनाएं, जिसमें विकास का खाका को तैयार हो सके।