मध्यप्रदेश में व्यापमं-2, कृषि अधिकारी परीक्षाएं गड़बड़ी के चलते निरस्त
व्यापमं अब (पीईबी) द्वारा आयोजित की गई कृषि विस्तार अधिकारी व वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी की परीक्षाएं गड़बड़ी के चलते निरस्त कर दी गईं।
भोपाल (जोशहोश डेस्क) व्यापमं अब (पीईबी) द्वारा आयोजित की गई कृषि विस्तार अधिकारी व वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी की परीक्षाएं गड़बड़ी के चलते निरस्त कर दी गईं। पीईबी अध्यक्ष केके सिंह ने मैपआईटी को जांच का दायित्व सौंपा है। जांच एक सप्ताह में पूरी होगी।
परीक्षाओं में फर्जीवाड़े की शिकायत के बाद राज्य सरकार की जमकर किरकिरी हो रही है। कांग्रेस ने फर्जीवाड़े में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं।
पीईबी ने यह परीक्षा 11 और 12 फरवरी को आयोजित की थी। परीक्षा परिणामों मे सामने आया कि ग्वालियर के राजकीय कृषि काॅलेज से ग्रेजुएट दस परीक्षार्थियों के एक जैसे नंबर आए। सभी दस परीक्षार्थी चंबल क्षेत्र के हैं और एक ही जाति से संबंध रखते हैं। मामले को तूल पकड़ता देख मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जांच के आदेश भी दे दिए हैं।
इन परीक्षार्थियों के सहपाठियों और परिचितों के मुताबिक परीक्षा के बाद ये छात्र यह कहते नजर आए थे कि अपना सिलेक्शन तो पक्का है। परीक्षार्थियों के एक जैसे अंक आना और एक जैसी गलतियां करना साजिश है या संयोग इसकी जांच की जा रही है।
तीन का सरनेम भी एक
टाॅपर्स में तीन सामान्य श्रेणी के हैं। परीक्षाा के बाद 17 फरवरी को आंसरशीट के साथ सफल उम्म्मीदवारों की लिस्ट जारी की गई तो जनरल नाॅलेज की परीक्षा में दस परीक्षार्थियों को एक जैसे अंक मिले। तीन टाॅपर्स का सरनेम शर्मा है। परीक्षा के दस टाॅपर्स के अंक एक जैसे थे। जब शिकायत के बाद पीईबी ने आंसर शीट जारी की तो उसमें तीन प्रश्नों के उत्तर गलत थे। बड़ी बात यह है कि इन सभी टाॅपर्स ने भी इन तीन प्रश्नों के उत्तर गलत दिए थे।
सवाल यह भी
पीईबी द्वारा आयोजित परीक्षा परिणामों में गड़बड़ी के सामने आने के बाद सोशल मीडिया में यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या ऐसे वातावरण में पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा करानी चाहिये? क्योंकि बड़ी भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी होती है तो गड़बड़ छात्रों के पकड़ में नहीं आती और मध्यप्रदेश में जांच की खानापूर्ति तभी होती है जब छात्र साक्ष्य इकट्ठा करके सरकार और प्रशासन को दें क्योंकि सरकारी एजेंसियां लाचार है उन्हें कोई साक्ष्य नहीं मिल पाता और जांच कूड़ेदान में फेकी जाती है।
वहीं पीईबी ने भर्ती परीक्षा कराने का ठेका मुंबई की जिस एनएसईआटी (NSEIT) कम्पनी को दिया हैं उस पर यूपी सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा एवं तमिलनाडु भर्ती परीक्षा में भारी धांधली के आरोप लगे हैं जिसके कारण इन दोनों राज्यों में इस कम्पनी को ब्लैकलिस्ट किया गया हैं। मध्यप्रदेश में इस कम्पनी को ठेका देना कहीं व्यापमं भाग 2 की तैयारी तो नहीं?