शिव-राज में बेखौफ शिकारी, गुना में 3 पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या
शिकारी मौके से फरार हो गए। घटना के बाद प्रदेश की कानून व्यवस्था पर उठ रहे सवाल।
गुना (जोशहोश डेस्क) गुना जिले के आरोन में शिकारियों के साथ मुठभेड़ में तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। पुलिसकर्मियों को काले हिरण के शिकार की सूचना मिली थी। जब पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो शिकारियों ने टीम पर गोलियां चला दीं। जिससे तीन पुलिसकर्मियों की जान चली गई। शिकारी मौके से फरार हो गए। घटना के बाद प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।
घटना शनिवार सुबह चार बजे के करीब की है। बताया जा रहा है कि पुलिस को काले हिरण के शिकार की सूचना मिली थी। पुलिस जब चिन्हित स्थान पर पहुंची और शिकारियों को रोकने का प्रयास किया तो उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी जिसमें उपनिरीक्षक राजकुमार जाटव, आरक्षक नीरज भार्गव और आरक्षक संतराम की मौत हो गई। फायरिंग में तीन पुलिसकर्मियों के घायल होने की भी सूचना है।
शिकारियों के साथ मुठभेड़ में तीन पुलिसकर्मियों की मौत से सरकार में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में डीजीपी और गुना प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। वहीं कांग्रेस ने इस घटना के नाद प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाये हैं।
प्रदेश कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष कमलनाथ घटना को दुखद बताते हुए कहा कि आख़िर शिवराज सरकार में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद क्यों है.? सरेआम अपराधी पुलिसकर्मियों की हत्या कर रहे है..? जंगल में बेख़ौफ़ होकर शिकार कर रहे है..? प्रदेश की क़ानून व्यवस्था की स्थिति इतनी लचर क्यों है , ज़िम्मेदार आख़िर कहाँ है..?
पुलिसकर्मियों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस फरार शिकारियों की तलाश कर रही है। बताया जा रहा है कि बदमाश काले हिरण को उठा ले जा रहे थे। मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर पुलिस टीम चिन्हित स्थान पर पहुंची और हथियारबंद शिकारियों को रोकने का प्रयास किया तो उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी।
ग्वालियर आईजी पर गिरी गाज
घटना के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तीनों पुलिसकर्मियों को को शहीद का दर्जा देकर इनके परिवार को एक-एक करोड़ रुपये सम्मान निधि दिए जाने की घोषणा की। साथ ही परिवार के एक सदस्य को शासकीय सेवा में लिया की बात भी कही। मुख्यमंत्री शिवराज ने घटनास्थल पर पहुंचने में विलंब करने पर ग्वालियर के आईजी को तत्काल हटा दिया है।