झारखंड की 5 बेटियां अमेरिका में खेलेंगी हॉकी, CM ने दी शुभकामनाएं
चयनित खिलाड़ियों ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने जताई बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद।
दीपक हेतमसरिया (जोशहोश, रांची) हॉकी खेल में झारखंड का देश और दुनिया में विशेष नाम रहा है। यहां की महिला हॉकी खिलाड़ियों की भी हमेशा अलग पहचान रही है। एक बार फिर झारखंड की पांच महिला हॉकी खिलाड़ियों को अमेरिका में अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिला है। झारखंड से हॉकी की पांच प्रतिभावान बच्चियों का चयन अमेरिका में आयोजित होने वाले तीन सप्ताह के खेल और सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के लिए हुआ है।
इन चयनित खिलाड़ियों ने सोमवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ शिष्टाचार मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने उन्हें शुभकामनाएं देते हुए बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद जताई।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड की बच्चियां खेलों की दुनिया में बहुत तेजी से आगे बढ़ रही हैं। वे अपने प्रदर्शन से राज्य और देश का नाम दुनिया में रौशन कर रही हैं। हमें अपने खिलाड़ियों पर नाज है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इस सिलसिले में कई योजनाएं शुरू की गई है। प्रतिभावान खिलाड़ियों की पहचान और उनके हुनर को निखारने के लिए विशेष पहल की जा रही है।
CM सोरेन ने बताय कि खिलाड़ियों के उत्तम कोटि के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा रही है। विशेषकर हॉकी और फुटबॉल जैसे खेलों में ग्रामीण इलाकों से निकलने वाले खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का मौका मिले। उन्हें विभिन्न प्रतियोगिताओं में भागीदारी करने का मौका मिले। इसके लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। खिलाड़ियों की सभी जरूरतों को पूरा किया जाएगा। हमारी कोशिश है कि खेलों की दुनिया में झारखंड एक शक्ति के रूप में उभरे और देश- दुनिया में एक अलग पहचान बनाए।
उल्लेखनीय है कि ईस्ट इंडिया वीमेंस हॉकी एंड लीडरशिप कैंप के दूसरे संस्करण -2020 में आयोजित हॉकी प्रशिक्षण शिविर में प्रदर्शन के आधार पर शीर्ष पांच महिला हॉकी खिलाड़ियों का चयन इस कार्यक्रम के लिए किया गया है।
एनजीओ शक्ति वाहिनी के साथ साझीदारी में यूएस कांसुलेट, झारखंड हॉकी फेडरेशन दक्षिण पूर्व रेलवे झारखंड पुलिस और ब्यूरो ऑफ एजुकेशनल एंड कल्चरल अफेयर्स के सहयोग से वर्ष 2018 में ईस्ट इंडिया हॉकी प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई थी। मुख्यमंत्री सोरेन ने बच्चियों से कहा कि वे जब अमेरिका से वापस आएंगी वे उनसे मिलेंगे और उनके अनुभवों को जानेंगे, ताकि आने वाले दिनों में उन्हें इस तरह के और भी मौके मिले इसके लिए प्रयास किया जा सके।