धार्मिक प्रतीक संवेदनशील हैं तो क़िला बना सात तालों में रखिए सड़क पर नहीं
सिंघु बॉर्डर पर जघन्य हत्या के बाद वायरल पोस्ट, वहशी बर्ताव को बताया देश के लिए खतरा
नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) सिंघु बाॅर्डर पर धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी के आरोप में एक युवक की जघन्य हत्या के आरोपी निहंगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है लेकिन इस बर्बरता को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। साथ ही किसान आंदोलन को भी निशाना बनाया जा रहा है। हत्या के बाद सोशल मीडिया पर ऋषिपाल सिंह की एक पोस्ट वायरल हो रही है जिसे जमकर सराहा जा रहा है।
वायरल पोस्ट में ऋषिपाल सिंह ने लिखा है कि अगर यदि आपके धार्मिक प्रतीक बहुत संवेदनशील हैं। उन्हें क़िला बनाकर सात तालों में बंद रखिए। सिक्योरिटी गार्ड की सख्त सुरक्षा के बीच रखिए। उन्हें सड़क पर मत रखिए। आंदोलन या तमाशे के बीच उन्हें यूँ ही मत रख दीजिए।
ऋषिपाल सिंह ने आगे लिखा कि कोई भी कीमती चीज बीच चौराहे पर नहीं रखी जाती। जब कोई छेड़ छाड़ कर दे तो वहशी जानवरों जैसा बर्ताव कर हत्या करते घूमते हो। इससे देश को खतरा है, किसान आंदोलन को खतरा है।
इस पोस्ट की सोशल मीडिया पर जमकर सराहना हो रही है। पोस्ट पर कमेंट करते हुए लोगों ने इसे निर्भीकता से कहा सच करार दिया है। ऋषिपाल सिंह ने किसान आंदोलन के समर्थन और निजीकरण के विरोध में भी कई पोस्ट की हैं। वे लखीमपुर खीरी में रहते हैं और लखीमपुर मामले पर भी मुखर हैं।
हालाँकि ऋषिपाल सिंह के शब्दों पर कुछ लोगों ने आपत्ति भी जाहिर की जिस पर ऋषिपाल सिंह ने जवाब दिया कि जो अपनी कमी है उसे कहने सुनने में कोई दुख नहीं होना चाहिए। गुरु ग्रंथ साहिब जी का स्थान गुरुद्वारे में है न कि चौराहे पर। हमें इस पर विचार करना चाहिए।
गौरतलब है कि शुक्रवार तड़के सिंघु बॉर्डर पर एक युवक की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। युवक का एक हाथ काटकर शव को किसान आंदोलन के मंच के सामने लटका दिया गया था। घटना के कई वीडियो भी वायरल हुए थे। एक वीडियो निहंगों के कबूलनामे का भी था।
इस वीडियो में निहंग कहते दिख रहे थे कि सिंघु बॉर्डर पर इस पापी ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की। फौज ने इसका हाथ काट दिया और टांग भी काट दी है। पूरा मामला देश भर में काफी चर्चित है और सोशल मीडिया में भी इस पर काफी कुछ कहा जा रहा है।