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क्या महिला आरक्षण बिल PM मोदी का अब तक का सबसे बड़ा जुमला है?

बिल की डिटेल सामने आने के बाद सरकार की मंशा पर भी उठ रहे सवाल

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) देश की नई संसद में सदन की कार्यवाही मंगलवार को प्रारंभ हो गई। पहले दिन ही मोदी सरकार ने नए सदन में महिला आरक्षण बिल पेश कर दिया। साथ ही बिल की डिटेल सामने आने के बाद सरकार की मंशा पर भी सवाल उठने शुरू हो गए। कांग्रेस ने महिला आरक्षण बिल को पीएम मोदी का अब तक का सबसे बड़ा जुमला करार दिया है।

बिल के मुताबिक, लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% रिजर्वेंशन लागू किया जाएगा। इसके मुताबिक लोकसभा की 543 सीटों में 181 महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी लेकिन निकट भविष्य में ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा।

इसका कारण यह बताया जा रहा है कि यह बिल डीलिमिटेशन यानी परिसीमन के बाद ही लागू होगा। ये परिसीमन इस विधेयक के बाद होने वाली जनगणना के आधार पर ही होगा और जनगणना कब होगी यह अपने आप में बड़ा सवाल बना हुआ है।

बिल में यह पेंच सामने आने के बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार की नियत पर सवाल उठाये हैं। कांग्रेस ने बिल की पूरी क्रोनोलॉजी समझाते हुए बताया है कि लोकसभा चुनाव में महिलाओं को इसका फायदा नहीं मिलेगा, क्योंकि मोदी सरकार जनगणना नहीं करा पाई है। साथ ही इसे चुनावी मौसम में सबसे बड़ा जुमला बताते हुए देश की करोड़ों महिलाओं और लड़कियों की उम्मीदों के साथ बड़ा विश्वासघात बताया है।

कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर लिखा कि ‘यह बिल आज पेश जरुर हुआ लेकिन हमारे देश की महिलाओं को इसका फायदा जल्द मिलते नहीं दिखता। ऐसा क्यों? क्योंकि यह बिल जनगणना के बाद ही लागू होगा। आपको बता दें, 2021 में ही जनगणना होनी थी, जोकि आज तक नहीं हो पाई।

https://x.com/INCIndia/status/1704077260565651935?s=20

कांग्रेस ने आगे लिखा, ‘यह जनगणना कब होगी इसकी भी कोई जानकारी नहीं है। खबरों में कहीं 2027 तो 2028 की बात कही गई है। इस जनगणना के बाद ही परिसीमन या निर्वाचन क्षेत्रों का पुनर्निर्धारण होगा, तब जाकर महिला आरक्षण बिल लागू होगा। मतलब PM मोदी ने चुनाव से पहले एक और जुमला फेंका है और यह जुमला अब तक का सबसे बड़ा जुमला है। मोदी सरकार ने हमारे देश की महिलाओं के साथ विश्वासघात किया है, उनकी उम्मीदों को तोड़ा है।’

गौरतलब है कि इससे पहले भी देश की कई सरकारें महिला आरक्षण का बिल पारित कराने की कोशिश कर चुकी है। हाल के वर्षों में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी महिला आरक्षण बिल को लेकर काफी प्रयासरत रहीं। मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान राज्यसभा में इसे पारित कराया जा चुका है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी केंद्र सरकार से कई बार इसे लोकसभा से पारित कराने की मांग कर चुके हैं। राहुल गांधी ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर महिला आरक्षण बिल पास कराया जाए।

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