क्या BJP ने उग्रवादी संगठन की मदद से जीता था मणिपुर चुनाव?
उग्रवादी समूह के नेता के पत्र से केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर सवालिया निशान
नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) मणिपुर में लगातार चल रही हिंसा के बीच एक उग्रवादी समूह के नेता के पत्र से केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं। पत्र में यह दावा किया गया है कि चुनाव से पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा व भाजपा के दिग्गज नेता राम माधव की उग्रवादियों के साथ एक गुप्त बैठक में चुनाव को लेकर समझौता हुआ था।
पत्र पर आधारित मीडिया रिपोर्ट सामने आने के बाद कांग्रेस ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ अक्षम्य समझौता बताया है। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस संबंध में जवाब माँगा है। कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस रिपोर्ट को शेयर करते हुए कहा कि बीजेपी के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा और उसके पूर्व राष्ट्रीय महासचिव राम माधव पर ‘एक्सपोज’ वास्तव में परेशान करने वाला है और अगर दावे साबित होते हैं तो राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ एक अक्षम्य समझौता दर्शाता है।
कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कुछ ज्वलंत सवाल भी उठाये-
▪️ क्या बीजेपी ने मणिपुर चुनाव लड़ने के लिए कुकी उग्रवादियों की मदद ली?
▪️ क्या बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान भी कुकी उग्रवादियों की मदद ली थी?
▪️ क्या पीएम और एचएम कुकी उग्रवादियों से मांगी गई मदद के बारे में जानते थे? यदि हाँ, तो वे इसे कैसे स्वीकृत कर सकते थे? यदि नहीं, तो वे आनंदित अनजान क्यों थे?
▪️ क्या यह खुलेआम हमारे राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं करता है? क्या मोदी सरकार के लिए चुनावी लाभ देश के हितों से कहीं अधिक भारी हैं?
▪️ असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और राम माधव के खिलाफ पीएम, एचएम, मोदी सरकार और बीजेपी क्या कार्रवाई करेंगे?
▪️ क्या एनआईए उनके खिलाफ मामला दर्ज करेगी और लिंक की जांच करेगी, यदि कोई हो?
▪️ क्या भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा कार्रवाई करेंगे?
▪️ क्या एक उग्रवादी संगठन के साथ सहवास करना असम के मुख्यमंत्री द्वारा पद की शपथ का उल्लंघन नहीं है? क्या उन्हें जांच के निष्कर्ष तक पद पर बने रहने का अधिकार है?
▪️ क्या पीएम और एचएम की पूरी चुप्पी ही एकमात्र जवाब होगा जो देश को मिलेगा?
गौरतलब है कि पत्र में यह दावा किया गया है कि चुनाव से पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भाजपा के दिग्गज नेता राम माधव के साथ मिलकर उग्रवादियों के साथ एक गुप्त बैठक की थी। इस बैठक में भाजपा और उग्रवादियों के बीच एक समझौता हुआ था। समझौते में यह बात यह हुई थी उग्रवादी संगठव भाजपा को चुनाव जीतने में मदद करेंगे। पत्र यूनाइटेड कुकी लिबरेशन फ्रंट के अध्यक्ष एसएस हाओकिप ने लिखा है। अब यह पत्र कोर्ट में पेश किये गये उनके हलफनामा का हिस्सा है। माना जा रहा है कि यह पत्र केंद्रीय गृह मंत्री को 2019 में लिखा गया था। उग्रवादी समूह के नेता ने पत्र में कहा है कि एन बीरेन सिंह 2017 में कुकी उग्रवादियों की मदद से मणिपुर के भाजपा मुख्यमंत्री बने। मणिपुर में कुकी उग्रवादी समूह के नेता ने 2019 में गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र में इस घटना के बारे में सूचित किया था। एसएस हाओकिप को एनआईए ने 2018 में गिरफ्तार किया था।