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पेट्रोल-डीजल से ही साल में 5.25 लाख करोड़ कमाई, कोरोना मृतकों के परिजनों को 4 लाख देने में रोना

सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी आर्थिक सीमाओं का हवाला दिया है।

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) कोरोना से मरने वालों के परिजनों को चार-चार लाख रुपए की अनुग्रह राशि पर आर्थिक स्थिति का हवाला देने के बाद केंद्र सरकार सवालों के घेरे में है। सरकार ने साल ने 2020-21 में पेट्रोल-डीजल पर टैक्स से ही 5.25 लाख करोड़ की कमाई है। देश में कोरोना से मौतों की संख्या अभी चार लाख भी नहीं है अगर इन सभी मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपए भी अनुग्रह राशि दी जाए तो सरकार पर 16000 करोड़ का ही भार पडेगा लेकिन सरकार इस राशि को देने में भी आर्थिक तंगी का हवाला दे रही है।

सुप्रीम कोर्ट में सरकार का हलफनामा कुछ यही कह रहा है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी आर्थिक सीमाओं का हवाला दिया है। साथ ही यह भी कहा है कि आपदा प्रबंधन कानून में केवल भूकंप, बाढ आदि प्राकतिक आपदाओं पर मुआवजे का प्रावधान है। अगर एक बीमारी से मौत पर मुआवजा दिया जाए और दूसरी पर नहीं तो यह भी गलत होगा।

सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में यह हलफनामा उस याचिका पर दिया है जिसमें कहा गया है कि आपदा प्रबंधन कानून 2005 के तहत कोरोना से मतकों के परिजनों को चार लाख मुआवजा दिया जाए। सरकार के हलफनामे पर आज भी सुप्रीम कोर्ट विचार करेगी।

जहां तक सरकार की आर्थिक स्थिति का सवाल है तो केवल पेट्रोल-डीजल पर टैक्स से ही सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 में करीब 5. 25 लाख करोड़ रुपए कमाए हैं। वह भी तब जब लाॅकडाउन के कारण पेट्रोल- डीजल की खपत में काफी कमी थी।

दूसरी ओर आर्थिक तंगी का रोना रो रही सरकार सेंट्रल विस्टा जैसे खर्चीले प्रोजेक्ट को आवश्यक सेवा घोषित करते हुए लगातार जारी रखे है। कोरोनो से मृतकों के परिजनों को अगर चार-चार लाख अनुग्रह राशि दी भी जाए तो इसका कुल खर्च सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट से कम ही रहेगा। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का कुल बजट करीब 20000 करोड़ है।

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