IPS असीम अरुण BJP में शामिल, सांसद तन्खा ने उठाया बड़ा सवाल
असीम अरुण को लखनऊ में भाजपा दफ्तर ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने भाजपा की सदस्यता दिलाई।
लखनऊ/ भोपाल (जोशहोश डेस्क) उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कानपुर के पूर्व कमिश्नर असीम अरुण भाजपा में शामिल हो गए। रविवार को असीम अरुण ने लखनऊ में भाजपा कार्यालय पहुंच पार्टी की सदस्यता ली। असीम अरुण के भाजपा में शामिल होने पर राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने बड़ा सवाल उठाया है।
विवेक तन्खा ने ट्वीट कर कहा कि किसी आईएएस या आईपीएस को रिटायर होने के बाद प्राइवेट जॉब के लिए एक साल के कूलिंग पीरियड का सामना करना पड़ता है लेकिन अगर आईएएस या आईपीएस त्यागपत देकर तुरंत चुनाव लड़ रहा है तो क्या इसकी अनुमति है? आईपीएस असीम अरुण अब तक कानपुर में पार्टी के लिए काम कर रहे थे या सरकार के लिए?
असीम अरुण को लखनऊ में भाजपा दफ्तर ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने भाजपा की सदस्यता दिलाई। इस मौके पर असीम अरुण ने कहा कि वे पीएम मोदी से प्रभवित हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी तारीफ की। वहीं समाजवादी पार्टी ने असीम अरुण के भाजपा में शामिल होने पर तंज कसा कि अब यह साफ है कि वर्दी में कौन कौन काम कर रहा था।
असीम अरुण मूलरूप से कन्नौज के रहने वाले हैं। उनके पिता स्व. श्रीराम अरुण उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक रहे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं भाजपा कन्नौज सदर से उन्हें चुनाव में उतार सकती है। यह सीट समाजवादी पार्टी का मजबूत गढ़ रही है। कन्नौज सदर सीट पर पिछले 20 वर्षों से सपा का एक छत्र राज है। तीन बार से अनिल दोहरे साइकिल के निशान पर चुनाव जीतते आ रहे हैं।
गौरतलब है कि असीम अरुण ने 8 जनवरी को अचानक वीआरएस के लिए आवेदन कर राजनीति में जाने का फैसला किया था। प्रदेश सरकार ने उनका वीआरएस 15 जनवरी से स्वीकार कर लिया। उनके वीआरएस देने और भाजपा में शामिल होने के एलान के पीछे संघ की भूमिका भी महत्वपूर्ण बताई जा रही है। बताया जाता है कि असीम अरुण गोरखपुर में डीआईजी के रूप में अपनी पोस्टिंग के दौरान गोरक्षपीठ के संपर्क में आए थे। तब से उनका पीठ से लगाव बढ़ता गया। असीम अरुण ने ऐच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन करते समय कहा था कि वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कहने पर भाजपा में शामिल हो रहे हैं।