क्या दैनिक भास्कर से नाराज हैं शिवराज और मोदी सरकार?
क्या दैनिक भास्कर अखबार से शिवराज और मोदी सरकार नाराज है? ये सवाल एक न्यूज पोर्टल ने अपने काॅलम में उठाया है।
भोपाल (जोशहोश डेस्क) क्या दैनिक भास्कर अखबार से शिवराज और मोदी सरकार नाराज है? ये सवाल एक न्यूज पोर्टल ने अपने काॅलम में उठाया है। इसके साथ ही कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने भी ट्वीट कर इस खबर को और हवा दे दी है।
हालांकि केके मिश्रा ने अपने ट्वीट में अखबार का नाम नहीं लिया है लेकिन उनके ट्वीट का इशारा न्यूज पोर्टल के सवाल की और ही माना जा रहा है।
न्यूज पोर्टल न्यूज नेशन की रिपोर्ट के मुताबिक दैनिक भास्कर समूह से मध्यप्रदेश सरकार नाराज है। जिसके चलते दैनिक भास्कर को दिए जाने वाले सरकारी विज्ञापनों पर जमकर कैंची चलाई गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि नाराजगी का कारण जाहिर तौर पर तो सामने नहीं आया है लेकिन माना जा रहा है कि किसान आंदोलन को लेकर दैनिक भास्कर के रुख को देखते हुए यह कदम उठाए गए हैं।
पोर्टल की रिपोर्ट में कहा गया है कि मध्यप्रदेश का जनसंपर्क विभाग मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीधे-सीधे अपने पास रखा है। अब या तो शिवराज सिंह सीधे-सीधे तौर पर भास्कर समूह से नाराज हैं या फिर केन्द्रीय नेतृत्व के इशारे पर ही विज्ञापन रोके जा सकते हैं। किसी सरकारी अधिकारी की सीधे भास्कर समूह से टकराने की हिम्मत नहीं हो सकती है।
रिपोर्ट में यह हवाला दिया गया है कि विगत तीन दिनों से देश के नंबर 1 अखबार दैनिक भास्कर में विज्ञापन न के बराबर हैं। उधर अन्य अखबारों को सरकारी विज्ञापन जमकर बांटे जा रहे हैं। इसे यूं नहीं माना जाना चाहिए कि अन्य समाचार पत्र निष्पक्ष नहीं हैं, लेकिन किसी प्रमुख समाचार पत्र के साथ इस तरह का कदम मीडिया जगत को दबाने का प्रयास भी माना जाना चाहिए। सवाल खड़ा होता है कि जब देश के इतने बड़े अखबार के साथ यह रवैया अपनाया जा सकता है तो छोटे समाचार पत्र और साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक पत्र पत्रिकाओं के साथ सरकार का कैसा रवैया होता?
इस रिपोर्ट की सोशल मीडिया में भी चर्चा है।