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JEE Exam : नई शिक्षा नीति लागू, पहली बार 13 भाषाओं में परीक्षा दे रहे छात्र

जेईई मेन (JEE Exam) की परीक्षा मंगलवार 23 फरवरी से शुरू हो गई है।

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) जेईई मेन (JEE Exam) की परीक्षा मंगलवार 23 फरवरी से शुरू हो गई है। यह पहला अवसर है जब जेईई परीक्षाएं देश की नई शिक्षा नीति के अंतर्गत करवाई जा रही हैं। नई शिक्षा नीति के तहत इस बार छात्र अंग्रेजी और हिंदी भाषाओं के अलावा तेलुगू, तमिल, पंजाबी, उर्दू, ओड़िया, मराठी, मलयालम, कन्नड़, बंगाली, असमिया और गुजराती भाषा में भी जेईई मेंस की परीक्षा दे रहे हैं।
छात्रों को पहली बार 13 भारतीय भाषाओं में परीक्षा देने का अवसर मिला है। यह परीक्षाएं केवल कंप्यूटर आधारित टेस्ट यानी सीबीडीटी मोड में करवाई जा रही हैं। केवल बीआर्क की ड्राइंग परीक्षा पेन पेपर के माध्यम से ऑफलाइन मोड में आयोजित की जाएगी।

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए ने इसके लिए देशभर में 852 परीक्षा केंद्र (JEE Exam) बनाए हैं। सितंबर में आयोजित परीक्षा के दौरान 660 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। इस कंप्यूटर आधारित प्रवेश परीक्षा में 6,61,761 लाख परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं।

मंगलवार को बीआर्क की परीक्षा देने वाले छात्र जेईई मेन परीक्षा (JEE Exam) में शामिल हो रहे हैं। बीई और बीटेक के लिए 24 से 26 फरवरी तक ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की जाएगी। यह परीक्षा दो शिफ्ट्स में आयोजित की जाएगी।

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के मुताबिक दो शिफ्टों के बीच भी परीक्षा केंद्र को पूरी तरह सैनिटाइज किया जा रहा है। वहीं परीक्षा केंद्रों (JEE Exam) में छात्रों के लिए फेस मास्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है। थर्मल गन से परीक्षा केंद्र में जाने से पहले छात्रों के शरीर का तापमान भी चेक किया गया।

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के महानिदेशक विनीत जोशी के मुताबिक सभी राज्य सरकारों एवं पुलिस से परीक्षा को ध्यान में रखते हुए छात्रों के लिए सुरक्षित परिवहन सुविधा की अपील की गई है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है। छात्रों को दो घंटा पहले परीक्षा केंद्रों पर बुलाया गया है। परीक्षा के दौरान छात्रों के बीच दो कंप्यूटर की दूरी रखी गई है। एनटीए ने परीक्षा से पहले सोमवार को परीक्षा केंद्रों में मॉक ड्रिल भी की है।

जेईई की परीक्षाएं (JEE Exam) आयोजित करवा रहे राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी की वरिष्ठ परीक्षा निदेशक साधना पराशर ने एक निर्देश जारी करते हुए कहा, “कोरोना महामारी के मद्देनजर इस साल आईआईटी में प्रवेश के लिए 12वीं कक्षा में 75 प्रतिशत अंक हासिल करने की पात्रता वाला मानदंड हटा दिया गया है।”

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