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मिट्टी सत्याग्रह यात्रा : 350 शहीद किसानों के बने 5 शहीद स्मारक

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 132 दिन से दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में देश भर में मिट्टी सत्याग्रह यात्रा निकाली गई। इस यात्रा के माध्यम से 3 किसान विरोधी कानूनों को रद्द करने, सभी कृषि उत्पादों की एमएसपी पर खरीद की कानूनी गारंटी, बिजली संशोधन बिल पर लोगों में जागरूकता पैदा की गई। 30 मार्च से दांडी (गुजरात) से शुरू हुई मिट्टी सत्याग्रह यात्रा का समापन 6अप्रैल को सिंघु बॉर्डर पर हुआ। यात्रा के दौरान 35 कार्यक्रम आयोजित किये गए। 23 राज्यों के 2500 गांवों से लाई गई मिट्टी से शाहजहांपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर (दो स्थान), गाजीपुर बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर पर 350 शहीद किसानों के स्मारक निर्मित किए गए।

शाहजहांपुर बॉर्डर पर बने स्मारक का निर्माण अहमदाबाद के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन के कलाकार लालोन द्वारा, गाजीपुर और सिंधु बॉर्डर के स्मारक का डिजाइन पटियाला के कुलप्रीत द्वारा, टिकरी (मेट्रो स्टेशन) बॉर्डर के स्मारक का डिजाइन पश्चिम बंगाल के कलाकारों द्वारा तथा टिकरी ( बहादुरगढ़) में शबनम हाशमी एवं साथियों द्वारा किया गया है।

सरकार ने भाई-भाई को लड़ाया

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि शहादत देने वाले जवान भी किसानों के ही बच्चे थे। जवान भी इस आंदोलन का हिस्सा हैं और इस सरकार की नीतियों के कारण भाई-भाई का आपस में टकराव करवाया गया।  उन्होंने कहा कि यह शहीद स्मारक किसान और जवान की शहीदी को याद दिलाएगा। हमें अपनी पगड़ी, खेत और सीमा को संभालने की प्रेरणा देगा। हमारे पूर्वजों के बलिदान और देश को इतिहास के रूप में याद दिलाएगा।

बताया गया कि इस मिट्टी से दिल्ली में एक प्रेरणा स्थल का निर्माण किया जाएगा। मिट्टी सत्याग्रह यात्रा के पहुंचने पर महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, उड़ीसा, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना  के 75 यात्री शामिल हुए थे। 40 यात्री स्थायी तौर पर पूरी यात्रा में शामिल रहे।

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