राहुल गांधी का ट्वीट- इतना झूठ Teleprompter भी नहीं झेल पाया
वर्ल्ड इॅकोनिमिक फोरम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन से जुड़ा वीडिया सोशल मीडिया पर वायरल
नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) वर्ल्ड इॅकोनिमिक फोरम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन से जुड़ा एक वीडिया सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधन के दौरान कुछ देर रुक जाते हैं। इसका कारण क्या रहा यह स्पष्ट नहीं है वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के मंगलवार किये ट्वीट को भी इस घटना पर कटाक्ष के रूप में ही देखा जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को विश्व आर्थिक मंच की बैठक को वर्चुअली संबोधित किया था। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने संबोधन के दौरान एक बार रुकना भी पड़ा। इसके चलते प्रधानमंत्री कुछ देर असहज भी नज़र आए।
इस वाकये को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की बातें हो रही हैं। सुबह से ही #TeleprompterPM ट्रेंड कर रहा है। राहुल गांधी ने भी एक ट्वीट किया जिसे इस घटना पर तंज़ के रूप में ही देखा जा रहा है-
कांग्रेस के अन्य पदाधिकारियों के साथ कुछ पत्रकारों ने भी इस घटना को लेकर ट्वीट किये-
वहीं इस घटना को लेकर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार शलभमणि त्रिपाठी ने ट्वीट कर पक्ष रखा-
“टेलीप्रॉम्प्टर की गड़बड़ी पर उत्साहित होने वालों ने ये ध्यान नहीं दिया कि असल में दिक़्क़त WEF के एंड पर थी। वो PM मोदी से जुड़ नहीं पा रहे थे, इसलिए उन्होंने उनसे फिर से शुरू करने का आग्रह किया।
गौरतलब है कि आर्थिक मंच की बैठक को वर्चुअली संबोधित करते हुए पीएम ने कहा था कि भारत कोरोना की एक ओर लहर का सावधानी और सतर्कता से मुकाबला कर रहा है। उन्होंने इकोनामिक रिफॉर्म पर भी फोकस किया था। उन्होंने कहा था कि भारत आर्थिक क्षेत्र में भी कई आशावान परिणामों के साथ आगे बढ़ रहा है। भारत में आज आजादी के 75 वर्ष पूरे होने का उत्साह भी है। भारत आज एक साल में ही करीब 160 करोड़ वैक्सीन डोज देने के आत्मविश्वास से भी भरा है। प्रधानमंत्री ने भारत में निवेश का यह सबसे अच्छा समय बताते हुए कहा कि 16 सेक्टर में 26 अरब डॉलर की प्रोडक्ट लिंक्ड इनशेंटिव (PLI) स्कीम चलाई गई है। इसके जरिये भारत मैन्युफैक्चरिंग के साथ ग्लोबल सप्लाई चेन को आसान बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत मेक इन इंडिया मेक फॉर वर्ल्ड पर ध्यान दे रहा है। भारत अगले 25 सालों को ध्यान में रखते हुए नीतियां तैयार कर रहा है।