सरकार ही तय करेगी सच-झूठ, IT नियमों में बदलाव डिजिटल-सोशल मीडिया पर कुदृष्टि ?
आईटी नियमों का मसौदा जारी होते ही विवाद, एडिटर्स गिल्ड के साथ कांग्रेस ने भी उठाये सवाल
नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) ने नए आईटी नियमों का मसौदा जारी कर दिया है। मसौदा जारी होते ही विवाद भी शुरू हो गया है। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने केंद्र सरकार से नए नियमों को हटाए जाने की मांग है वहीं कांग्रेस ने IT रूल में बदलाव को डिजिटल-सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सरकार की कुदृष्टि बताया है।
नए आईटी नियमों में कहा गया है कि फेक न्यूज को चिन्हित करने के लिए प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की मदद ली जाएगी। यानी भारत सरकार के अंतर्गत काम करने वाली PIB की फैक्ट चेकिंग यूनिट किसी भी खबर को फेक करार देने के लिए स्वतंत्र होगी। इतना ही नहीं PIB द्वारा फेक करार देने के बाद उसे किसी भी ऑनलाइन प्लेटफार्म पर पोस्ट नहीं किया जा सकेगा, भले ही वो सूचना फेक न हो।
नए आईटी नियमों को डिजिटल सेंसरशिप के तौर पर देखा जा रहा है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि कौन सी सूचना फेक है और कौन सी सही, यह भी खुद सरकार ही तय करेगी। जानकार कह रहे हैं कि अब केंद्र सरकार ही ‘ सच और झूठ’ का निर्धारण करेगी?
इधर नया मसौदा सामने आते ही इसका विरोध शुरू हो गया है। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने इन नियमों की तीखी आलोचना की है, साथ ही केंद्र सरकार से इसे वापस लेने की भी मांग की है। गिल्ड ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियम के मसौदा संशोधन पर “गहरी चिंता” व्यक्त करते हुए बयान जारी किया गया है। बयान में कहा गया है कि ‘यह नयी प्रक्रिया मूल रूप से स्वतंत्र प्रेस को दबाने में इस्तेमाल हो सकती है।
एडिटर्स गिल्ड ने आशंका जताते हुए कहा कि पीआईबी या ‘तथ्यों की जांच के लिए केंद्र सरकार द्वारा अधिकृत कोई अन्य एजेंसी’ को उन ऑनलाइन प्लेटफार्म को सामग्री को हटाने के लिए मजबूर कर सकती है जिससे सरकार को समस्या हो सकती है। फर्जी समाचारों के निर्धारण का जिम्मा केवल सरकार के हाथों में नहीं हो सकता है…इसके परिणामस्वरूप प्रेस की सेंसरशिप होगी।’
कांग्रेस ने भी IT रूल में बदलाव को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस के मीडिया और पब्लिसिटी विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पहले मेनस्ट्रीम मीडिया को उसके मालोकों के साथ दबाया गया अब डिजिटल व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सरकार की कुदृष्टि पड़ गयी है। पवन खेड़ा ने कहा कि IT रूल में बदलाव इस सरकार को सच से बचाने का प्रयास है। यह संशोधन इसलिए लाये गए हैं जिससे सरकार अपनी छवि को बचा सके।