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त्रिकुट पर्वत रोप-वे हादसे में रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा, 46 पर्यटकों को बचाया

रोप-वे हादसे के बाद चला रेस्क्यू ऑपरेशन तीसरे दिन पूरा, मंगलवार को सुरक्षित निकाले गए 15 लोग, उच्चस्तरीय जाँच के आदेश।

दीपक हेतमसरिया (जोशहोश, रांची) देवघर के त्रिकुट पर्वत पर हुए रोप-वे हादसे के बाद चला रेस्क्यू ऑपरेशन तीसरे दिन पूरा हो गया। मंगलवार को 15 लोगों को और सुरक्षित निकाल लिया गया। इस तरह रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल एयरफोर्स, आर्मी, एनडीआरएफ और आईटीबीपी के जवानों ने कुल 46 पर्यटकों को सुरक्षित बचा लिया।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने की घोषणा की। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि अपनी जान जोखिम में डाल कर लोगों की मदद करने वाले एयरफोर्स, आर्मी, एनडीआरएफ और आईटीबीपी के जवानों तथा प्रशासन को मैं सलाम करता हूँ। उन्होंने मामले की उच्चस्तरीय जाँच कराकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की बात भी कही।

हादसे के तीसरे दिन मंगलवार सुबह बचाव अभियान फिर शुरू हुआ। मंगलवार को सबसे ऊंचाई पर एयरफोर्स, इंडियन आर्मी, एनडीआरएफ, आईटीबीपी एवं स्थानीय प्रशासन की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चला शेष लोगों को सुरक्षित निकाल लिया। बचाव के दौरान आज एक और महिला की मौत हुई। सोमवार को भी एक युवक की हेलिकॉप्टर में चढ़ाने के दौरान गिरने से मौत हो गई थी। देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री की देखरेख में यह बचाव अभियान चला।

दूसरी ओर, त्रिकुट पर्वत रोप-वे हादसे का झारखंड उच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लिया है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ. रवि रंजन, न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने मामले में जांच का आदेश दिया है। अदालत ने मामले में सुनवाई की अगली तिथि 26 अप्रैल निर्धारित की है।

त्रिकूट पर्वत पर रविवार की शाम 4:30 बजे यह हादसा हुआ था। डाउन स्टेशन से रोप-वे चालू होने के बाद पहाड़ की चोटी पर स्थित यूटीपी स्टेशन का रोलर टूट गया। इसके कारण रोप-वे की 23 ट्रॉलियां सात फीट नीचे लटक गयीं। ऊपर की एक ट्रॉली 40 फीट नीचे खाई में गिर गयी। उसमें पांच लोग सवार थे। स्थानीय लोगों ने उस ट्रॉली में फंसे पांच लोगों को बाहर निकाल लिया।

हादसे के दौरान इसमें सबसे नीचे की दो ट्रॉली पत्थर से टकराने से इनमें सवार सभी लोग घायल हो गये थे। इस हादसे में सारठ की रहनेवाली सुमंती देवी की मौत हो गयी थी। शाम के वक्त एयरलिफ्ट के दौरान हेलीकॉप्टर में घुसने से पहले एक सेफ्टी बेल्ट खुल जाने के कारण एक युवक 860 फीट खाई में गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गयी। मृतक राकेश मंडल (36) दुमका जिला के सरैयाहाट थाना क्षेत्र के ककनी गांव का रहनेवाला था। वह शिकारीपाड़ा में रोजगार सेवक के पद पर कार्यरत था।

कल शाम पांच बजे वायु सेना के दो हेलीकॉप्टर को रेस्क्यू में लगाया गया था। एक ट्रॉली में सवार चार में से दो लोगों को एक हेलीकॉप्टर से निकाल लिया गया। दूसरे हेलीकॉप्टर से मृतक की एक पहचान वाली महिला को पहले निकाला गया। उसके बाद राकेश को रेस्क्यू किया जा रहा था। इस दौरान यह हादसा हुआ था।

सोमवार शाम वायु सेना की टीम के मोर्चा संभालने से पहले स्थानीय लोगों ने रस्सी और सेफ्टी बेल्ट के साथ कुर्सी के जरिए दो ट्रॉली से 11 पर्यटकों सुरक्षित नीचे उतार लिया। तीन ट्रॉली में 15 लोग फंसे हुए रह गए थे। ट्रॉली काफी ऊंचाई में होने के कारण रात में उन्हें निकालना मुश्किल लग रहा था। इसलिए उन्हें मंगलवार को निकाला गया।

इधर झारखंड के पर्यटन मंत्री हफीजुल हसन ने कहा कि रोप-वे संचालन एजेंसी की तरफ से कोई लापरवाही हुई हो तो उसे ब्लैक लिस्टेड करके नई एजेंसी बहाल की जाएगी। साथ ही, ऐसी दुर्घटना फिर न हो, इसके पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे।

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