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पंजाब निकाय चुनाव: कांग्रेस की बड़ी जीत, भाजपा को ले डूबा किसान आंदोलन

पंजाब के स्थानीय निकाय चुनावों में सत्ताधारी कांग्रेस बड़ी जीत दर्ज करती दिखाई दे रही है। किसान आंदोलन का सीधा असर भाजपा के निराशाजनक प्रदर्शन के रूप में सामने आ रहा है।

चंडीगढ़ (जोशहोश डेस्क) पंजाब के स्थानीय निकाय चुनावों में सत्ताधारी कांग्रेस बड़ी जीत दर्ज करती दिखाई दे रही है। वहीं शिरोमणि अकाली दल का प्रदर्शन औसत रहा। किसान आंदोलन का सीधा असर भाजपा के निराशाजनक प्रदर्शन के रूप में सामने आ रहा है। आम आदमी पार्टी का पत्ता साफ होता दिख रहा है।

पंजाब के आठ नगर निगमों और 109 नगर पालिका परिषदों और पंचायतों के लिए हुए चुनावों के नतीजे बुधवार सुबह से आने लगे। आठ नगर निगमों अबोहर, भटिंडा, बाटला, कपूरथला, पठानकोट, मोहाली, मोगा और होशियारपुर में से कांग्रेस 7 में बड़ी जीत दर्ज करती दिखाई दे रही है। सिर्फ मोगा में शिरोमणि अकाली दल ने शुरुआती बढ़त बनाई जिसके बाद कांग्रेस ने उसे पछाड़ दिया। दूसरी ओर 109 नगर पालिका परिषदों और पंचायतों 77 के रूझान में 63 में कांग्रेस और अकाली दल 8 पर आगे है। वहीं आप 2 नगर पालिका में बढ़त बनाती दिख रही है।

अबोहर नगर निगम में कांग्रेस ने धमाकेदार जीत दर्ज की है। यहां 50 वार्डों में से 49 में कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। वहीं एक वार्ड में शिरोमणि अकाली दल के प्रत्याशी को जीत हासिल हुई।

कमोबेश ऐसा ही परिणाम होशियारपुर नगर निगम का रहा। कांग्रेस ने यहां अब तक घोषित 50 वार्डों में से 41 में जीत दर्ज की है। चार वार्डों में भाजपा और 2 पर आप को जीत नसीब हुई। होशियारपुर को भाजपा का गढ़ कहा जाता है।

भटिंडा नगर निगम में भी कांग्रेस ने एकतरफा जीत दर्ज की है। यहां 50 वार्डों में से कांग्रेस ने 42 पर कब्जा जमाया। शिरोमणि अकाली दल को आठ वार्डों में जीत मिली। भाजपा और आप का यहां खाता तक नहीं खुला।

पठानकोट नगर नुगम में भी कांग्रेस का जलवा रहा, 50 में से 37 सीटों पर जीत दर्ज़ की।

भाजपा सांसद और अभिनेता सनी देओल के संसदीय सीट गुरदासपुर में भी कांग्रेस का जलवा दिखाई दे रहा है। गुरदासपुर नगर पालिका में 29 वार्डों के नतीजे आए हैं और सभी कांग्रेस के पक्ष में गए हैं।

राजनीतिक समीक्षकों का कहना है कि विधानसभा चुनाव से ठीक एक साल पहले ये चुनाव अमरिंदर सिंह की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार के लिए एक ‘सेमीफाइनल’ हैं, जो कृषि कानूनों के खिलाफ लोगों की नाराजगी को अपनी भुनाने की कोशिश में है।

बूथ कैप्चरिंग और झड़प के आरोपों के बीच, राज्य में 14 फरवरी को 39,15,280 मतदाताओं के मत डालने के साथ 71.39 प्रतिशत मतदान हुआ था। केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर किसानों के विरोध का सामना कर रही भाजपा अकालियों के बिना दो दशकों में पहली बार यहाँ चुनाव मैदान में है

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