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योगीराज: अब सड़कों पर सांड पकड़ेंगे छात्र-शिक्षक-अधिकारी

आवारा पशुओं पर नियंत्रण के लिए शिक्षा अधिकरियों, शिक्षकों और छात्रों को भी सौंपी गई जिम्मेदारी का आदेश वायरल।

लखनऊ (जोशहोश डेस्क) उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में आवारा पशुओं का मुद्दा खूब गरमाया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक को चुनावी रैली में आवारा पशुओं को लेकर बोलना पड़ा था। अब योगी आदित्यनाथ की सत्ता में वापसी के साथ ही आवारा पशुओं पर नियंत्रण की जिम्मेदारी शिक्षा अधिकरियों, शिक्षकों और छात्रों को भी सौंपी गई है।

सोशल मीडिया पर आवारा पशुओं पर नियंत्रण के लिए शिक्षा अधिकरियों, शिक्षकों और छात्रों को भी सौंपी गई जिम्मेदारी का यह आदेश जमकर वायरल हो रहा है। आदेश के मुताबिक निराश्रित गौवंश को पकड़े जाने के लिए चलाए जाने वाले अभियान में अब शिक्षा अधिकारी, शिक्षकों और छात्रों को सहयोग करना पड़ेगा।

आदेश को लेकर सोशल मीडिया में पर भी दिलचस्प प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। राज्य में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ी राष्ट्रीय लोक दल ने आदेश पर कुछ इस तरह प्रतिक्रिया दी-

पत्रकार संजय शर्मा ने आदेश को शेयर करते हुए लिखा- यह मज़ेदार काम है ! अब मास्टर जी और उनके अफ़सर महीने में तीन दिन सॉड पकड़ेंगे ! पढ़ेगा यूपी बढ़ेगा यूपी के बाद सॉड भगायेगा यूपी का आयोजन शिक्षा विभाग के द्वारा ! बधाई माननीय शिक्षा मंत्री जी को इस साहसिक फ़ैसले के लिये और समस्त गुरूजनों को भी सॉड पकड़ने के लिये

https://twitter.com/Editor__Sanjay/status/1510108690204217346?s=20&t=6GTA0l1UmHW-aAExZOsCXg

यह आदेश मैनपुरी के मुख्य विकास अधिकारी विनोद कुमार द्वारा जारी किया गया है। साप्ताहिक समीक्षा बैठक में तय कार्यबिंदु में इस आदेश को भी शामिल किया गया है। आदेश के मुताबिक महीने में तीन दिन यानी हर पांच, पंद्रह और पच्चीस तारीख को शिक्षा विभाग इस अभियान में सहयोग करेगा।

गौरतलब है कि उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान आवारा सांडों से वोटों की फसल को होने वाले नुकसान को लेकर सियासी दलों में चिंता दिखाई दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चुनावी रैली में निराश्रित बेसहारा पशुओं की समस्या के समाधान का आश्वासन दिया था। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि 10 मार्च को दोबारा सरकार बनने के बाद इस समस्या के समाधान के लिए नया सिस्टम बनाया जाएगा। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी सत्ता में आने पर आवारा सांडों के हमले में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच पांच लाख रुपए की आर्थिक मदद देने की बात कही थी।

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