एक हुए राज्यसभा टीवी और लोकसभा टीवी, अब संसद टीवी से बनी पहचान
दो संसद चैनलों- लोकसभा टीवी और राज्यसभा टीवी का विलय कर दिया है, जिसे अब संसद टीवी कहा जाएगा।
नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) केंद्र सरकार ने मंगलवार को जानकारी देते हुए कहा है कि उसने दो संसद चैनलों- लोकसभा टीवी और राज्यसभा टीवी का विलय कर दिया है, जिसे अब संसद टीवी कहा जाएगा।
सरकार ने यह भी कहा कि सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी रवि कपूर को एक साल की अवधि के लिए या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, तक पहला मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के रूप में नियुक्त किया गया है।
सरकार ने 1 मार्च को अपने आदेश में कहा, “सभापति, राज्यसभा और स्पीकर के संयुक्त निर्णय के परिणामस्वरूप, लोकसभा आरएसटीवी और एलव्एसटीवी का संसद टेलीविजन में विलय करेगी।”
इसमें आगे कहा गया कि रवि कपूर, आईएएस (1986: असम-मेघालय) (रिटायर्ड) को तत्काल प्रभाव से एक वर्ष की अवधि के लिए या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, के लिए अनुबंध के आधार पर सीईओ के रूप में नियुक्त किया गया है।
इस मर्जर को लेकर जारी एक अधिकारी ने कहा, ”लोकसभा टीवी पर लोकसभा की लाइव कार्यवाही दिखायी जाएगी और राज्यसभा टीवी पर उच्च सदन की कार्यवाही लाइव दिखाई जाएगी। संसद के संयुक्त सत्र और संसदीय कामकाज के अलावा दोनों चैनल सामान्य कंटेंट का प्रसारण कर सकते हैं। लोकसभा टीवी पर हिंदी में और राज्यसभा टीवी पर अंग्रेजी में प्रसारण किया जाएगा।’
दो साल पहले विलय के लिए बनी थी समिति
लोकसभा टीवी को 2006 में तत्कालीन स्पीकर सोमनाथ चटर्जी ने लॉन्च किया था जबकि राज्यसभा टीवी 2011 में आया। दोनों चैनलों पर संबंधित सदन की कार्यवाही का सीधा प्रसारण होता था। इसके अलावा कई विषयों पर कार्यक्रम और चर्चाएं भी आयोजित होती थीं। साल 2019 में दोनों चैनलों के विलय को लेकर एक कमिटी का गठन किया गया था।
बता दें, लोकसभा टीवी पर संसद के निचले सदन जबकि राज्यसभा टीवी पर उच्च सदन की कार्यवाही का सीधा प्रसारण होता था। अब दोनों चैनलों का विलय करके ‘संसद टीवी’ नाम का एक चैनल बना दिया गया है।