2-G: पूर्व कैग विनोद राय ने मानी गलती, संजय निरूपम से बिना शर्त मांगी माफी
पूर्व महालेखाकार और नियंत्रक विनोद राय ने बिना शर्त माफी मांगी। कहा- गलती से लिया था संजय निरुपम का नाम।
नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) पूर्व महालेखाकार और नियंत्रक (कैग) विनोद राय ने 2-जी केस में गलत बयानी के लिए कांग्रेस नेता संजय निरूपम से बिना शर्त माफी मांग ली है। विनोद राय ने 2015 में अपनी किताब में लिखा था कि कोयला घोटाले से पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह का नाम हटाने के लिए संजय निरुपम उनके पास गए थे। जिसके बाद निरुपम ने विनोद राय पर मानहानि का मुक़दमा किया था।
इस केस में अब विनोद राय ने संजय निरुपम से बिना शर्त माफी मांगी और कहा है कि उन्होंने संजय निरुपम का नाम गलती से ले लिया था। संजय निरुपम ने सोशल मीडिया पर इसे शेयर भी किया है-
माफीनामे के बाद विनोद राय सोशल मीडिया के निशाने पर भी आ गए हैं। पत्रकार नरेंद्र नाथ मिश्रा ने ट्वीट किया कि विनोद राय को अभी बहुत और माफ़ी माँगनी हैं-
जन अधिकार पार्टी के राष्टी अध्यक्ष पप्पू यादव ने फर्जी घोटाले का दुष्प्रचार कर देश के टेलिकॉम और कोल सेक्टर को तबाह करने की बात कह विनोद राय को फांसी दिए जाने की मांग की-
गौरतलब है कि साल 2010 में भारत के महालेखाकार और नियंत्रक (कैग) विनोद राय ने अपनी एक रिपोर्ट में साल 2008 में किए गए स्पेक्ट्रम आवंटन पर सवाल खड़े किए थे। उस समय स्पेक्ट्रम घोटाले में कंपनियों को नीलामी की बजाए पहले आओ और पहले पाओ की नीति पर लाइसेंस दिए गए थे। विनोद राय के अनुसार इस आवंटन से सरकारी खजाने को अनुमानत एक लाख 76 हजार करोड़ रुपयों का नुक़सान हुआ था।
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में तत्कालीन कैग विनोद राय की रिपोर्ट के आधार पर भाजपा ने टू जी स्पेक्ट्रम आवंटन में कथित घोटाले को बड़ा मुद्दा बनाया था और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। हालांकि यह आरोप कोर्ट में साबित नहीं हो पाए थे।
इस बहुचर्चित 2 स्पेक्ट्रम आवंटन केस को लेकर दिसंबर 2017 में स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा और डीएमके नेता कनीमोझी समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया था। बरी करते हुए कोर्ट ने कहा था कि अभियोजन किसी भी आरोपी के खिलाफ किसी भी आरोप को साबित करने में नाकाम रहा।