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पक्षपाती-भड़काऊ कंटेंट पर चेतावनी, उन्माद फैला रहे न्यूज़ चैनल?

एनबीडीएसए ने न्यूज़ नेशन के पत्रकार दीपक चौरसिया और 'ज़ी न्यूज़' के सुधीर चौधरी को दी चेतावनी। न्यूज चैनलों के पक्षपाती और भड़काऊ कंटेंट पर उठे सवाल।

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) न्यूज चैनलों के पक्षपाती और भड़काऊ कंटेंट पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। समाचार प्रसारण और डिजिटल मानक प्राधिकरण (एनबीडीएसए) ने आचार संहिता और दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वाले कार्यक्रमों के प्रसारण के लिए टीवी चैनलों की निंदा की है। एनबीडीएसए ने ‘न्यूज़ नेशन’ और ‘ज़ी न्यूज़’ के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है।

निजी न्यूज़ चैनलों के स्व-नियामक निकाय (एनबीडीएसए) ने इससे पहले भी निजी चैनलों को उनके कंटेंट को लेकर चेता चुका है। एनबीडीएसए ने इस बार न्यूज़ नेशन के पत्रकार दीपक चौरसिया और ‘ज़ी न्यूज़’ के सुधीर चौधरी को चेतावनी दी है।

द वायर की रिपोर्ट ले मुताबिक दीपक चौरसिया के शो ‘देश की बहस’ में प्रसारित कंटेंट के खिलाफ एनजीओ सिटीजन्स फॉर पीस एंड जस्टिस ने एनबीडीएसए में शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया था कि छह नवंबर को प्रसारित ‘धर्मांतरण जिहाद’ शो में हिन्दुओं के बलपूर्वक मुस्लिम समुदाय में धर्मांतरण की बात कही गई थी। शिकायत के मुताबिक शो में एंकर ने हिंदुस्तान को हिंदुओं के लिए ज्यादा दिन सुरक्षित न रहने की बात कहते हुए नफरत को बढ़ावा दिया था।

शिकायत पर एनबीडीएसए ने अपनी जांच में पाया कि प्रसारित शो में एंकर का इस तरह कहना और शो के दौरान चल रहे कुछ कैप्शन ने नस्लीय और धार्मिक सदभाव को लेकर दिशा निर्देशों उल्लंघन किया है।

इसे लेकर ने 13 नवंबर को जारी अपने ऑर्डर में एनबीडीएसए ने कहा कि ब्रॉडकास्टर ने उस बात को भी सामान्य रूप से लिया जिसमें वह दावा करता कि वह अपने कार्यक्रम में उचित परिश्रम सुनिश्चित करता है और अगर किसी विशेष समुदाय के सदस्यों की भावनाओं को ठेस पहुंची है तो वह माफी भी मांगता है।

इसे देखते हुए एनबीडीएसए ने कहा कि प्रसारक की ओर से आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता है। साथ ही ब्रॉडकास्ट मानकों को बनाए रखने ऐसे एंकर के खिलाफ एक्शन लिया जाए जो प्रसारण के दौरान तटस्थ और निष्पक्ष रहने में विफल रहते हैं। साथ ने इस कार्यक्रम से संबंधित सभी वीडियो को वेबसाइट और यू टूयब से हटाने के निर्देश भी एनबीडीएसए ने दिए।

दूसरी ओर ने 22 नवंबर को जी न्यूज के खिलाफ भी एनबीडीएसए ने आदेश जारी किया। जी न्यूज के खिलाफ संवैधानिक आचरण समूह (CCD) की शिकायत पर आदेश जारी हुआ। समूह ने अपनी शिकायत में कहा था कि सुधीर चौधरी ने अपने कार्यक्रम में समूह के दिए दुष्प्रचार किया था। शिकायत के मुताबिक सुधीर चौधरी ने अपने दो नवंबर को प्रसारित अपने कार्यक्रम में समूह के लिए चालाक और गैंग जैसे शब्दों का प्रयोग किया था।

यह कार्यक्रम समूह के उस खुले पत्र के संदर्भ में था जिसमें समूह ने कहा था कि विज्ञापनदाताओं को ऐसे चैनलों को विज्ञापन नहीं देना चाहिए जो नफरत फैलाने का काम करते हैं। कार्यक्रम में सुधीर चौधरी ने कहा था कि समूह नहीं चाहता था कि सच्चाइ दिखाने वाले चैनलों को वित्त पोषित किया जाए।

एनबीडीएसए ने यह पाया कि चैनल ने समूह की विश्वसनीयता पर सवाल उठाकर सीमाओं को लांघा है। एनबीडीएसए ने माना कि कार्यक्रम में निष्पक्षता का अभाव था और और एंकर द्वारा समूह पर कीचड़ उछालना भी शालीनता के मानकों को ठेस पहुँचाता है। एनबीडीएसए ने कहा कि ब्रांडकास्टर को समूह के खुले [पत्र की आलोचना का अधिकार है लेकिन एंकर के पूर्व-निर्धारित निर्णय को विश्लेषण नहीं माना जा सकता है।

अब जी न्यूज को इस कार्यक्रम के वीडियो सभी प्लेटफॉर्म से हटाने को कहा गया है। सुधीर चौधरी स्वयं नेशनल ब्रांडकास्टर और डिजिटल एसोसिएशन के बोर्ड मेंबर हैं जिसके अंतर्गत ही एनबीडीएसए कार्य करता है।

इससे पहले भी किसान आंदोलन पर ज़ी न्यूज़ रिपोर्टिंग को लेकर एनबीडीएसए ने आपत्ति जताई थी। एनबीडीएसए ने कहा था कि चैनल पर प्रसारित तीन वीडियो में कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों को खालिस्तानियों से जोड़ा और गलत रिपोर्ट करते हुए बताया कि 26 जनवरी 2021 को लाल किले से भारतीय झंडे को हटा दिया गया था। एनबीडीएसए ने 19 नवंबर को आदेश जारी कर इन वीडियो को हटाने को कहा था।

इससे एक दिन पहले ही एनबीडीएसए ने टाइम्स नाउ के दो एंकर राहुल शिवशंकर और पद्मजा जोशी द्वारा फरवरी 2020 दिल्ली दंगों को लेकर की गई डिबेट पर आपत्ति जताई थी। एनबीडीएसए ने कहा था कि डिबेट निष्पक्ष और उद्देश्यपरक तरीके से नहीं की गई थी। एनबीडीएस के कोड ऑफ एथिक्स के मुताबिक सभी न्यूज चैनलों को निष्पक्षता और सटीकता के सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रसारण के दौरान की गईं गलतियां स्वीकार की जाएं और उन्हें तुरंत ठीक किया जाए।

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