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युवाओं का मोदी सरकार के खिलाफ गुस्सा, रोजगार की मांग पर 15 लाख से ज्यादा ट्वीट

भोपाल (जोशहोश डेस्क) पिछले दो दिनों से देश के युवाओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोला हुआ है। युवा ट्विटर और सोशल मीडिया के जरिए केंद्र की मोदी सरकार और सरकारी संस्थानों से कह रहे हैं कि बहाना नहीं बहाली चाहिए, मोदी रोजगार दो। युवाओं का मोदी सरकार के खिलाफ गुस्सा पिछले दो दिनों से ट्विटर पर देखा जा सकता है। मंगलवार को भी रोजगार और जो परीक्षा हो चुकी है उसके रिजल्ट की की मांग पर हैशटैग #cgl19marks भारत में पहले नंबर पर ट्रैंड कर रहा है। इस हैशटैग पर अबतक 15 लाख से ज्यादा ट्वीट हो चुके हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2014 में सपने दिखाए थे कि देश में युवाओं को रोजगार देंगे। लेकिन मोदी सरकार का यह दूसरा कार्यकाल है जिसमें नौकरी का इंतजार कर रहे युवा अब आपा खोते जा रहे हैं। ट्वीटर पर युवाओं का गुस्सा इस बात से है कि पहले नौकरी नहीं निकाली जाती, जब नौकरी के लिए विज्ञापन निकाला जाता है तो उसके बाद परीक्षा में देरी होती है और यदि परीक्षा हो भी जाए तो परिणाम नहीं आता। और इस सब के साथ छात्र चयन प्रक्रिया में धांधली का आरोप भी लगा रहे हैं।

रविवार और सोमवार को मोदी रोजगार दो हैशटैग के साथ ये मैं हुं, ये मेरे देश के युवा हैं और यहां बर्बादी हो रही है, भाषण नहीं रोजगार चाहिए, बहाना नहीं बहाली चाहिए। जैसे ट्वीट के माध्यम से युवा सरकार को जगाने का काम कर रहे थे। लेकिन 10 लाख से ज्यादा ट्वीट हो जाने के बाद भी सरकार की तरफ से कोई बयान नहीं आया।

बता दें कि पिछले साल जब कोरोना महामारी की वजह से प्रतियोगी परिक्षाओं को स्थगित कर दिया गया था तब भी युवाओं ने मैं भी बेरोजगार अभियान चलाया था। अब युवा हैशटैग मोदी रोजगार दो के साथ सरकार का ध्यान अपनी तरफ खींचने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए उन्हें प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी करा रहे शिक्षकों का साथ भी मिल रहा है।

https://twitter.com/tarru96/status/1364111543831388161?s=20

युवाओं की यह मुहिम 19 फरवरी को सीजीएल 2019 के टीयर-2 के परिणाम आने के बाद शुरू हुई। टीयर टू की परीक्षा तीन चरणों में 15, 16 और 18 नवंबर को आयोजित की गई थी। कहा जा रहा है कि 18 नवंबर का पेपर आसान था और इस शिफ्ट में पेपर देने वाले छात्रों ने अच्छे नंबर हासिल किए थे। लेकिन जब रिजल्ट आया तो ऐसे कई छात्रों का सिलेक्शन नहीं हुआ, जिन्होंने अच्छा स्कोर किया था। छात्रों का आरोप है कि नॉर्मलाइजेशन के नाम पर 15, 16 को एग्जाम देने वालों के 60-70 नंबर बढ़ा दिए गए हैं, जबकि 18 नवंबर को एग्जाम देने वालों के इतने नंबर घटा दिए गए हैं।

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