त्रासदी का इवेंट: मोरबी पहुंचेंगे PM मोदी, मातमी माहौल में अस्पताल का रंग रोगन
मातमी माहौल और मृतकों के परिजनों की चीख पुकार के बीच अस्पताल में चल रहे रंग रोंगन और मरम्मत को लेकर तीखी प्रतिकियाएं
गांधीनगर (जोशहोश डेस्क) मोरबी में पुल गिरने के बाद मातम का माहौल है। हादसे के बाद मच्छू नदी में तीसरे दिन भी शवों की तलाश जारी है। अब तक 134 से ज्यादा शव बरामद हो चुके हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को मोरबी पहुंच कर मृतकों के परिजनों से मिलेंगे और अस्पताल में उपचाररत लोगों का हाल भी जानेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी के मोरबी आगमन को लेकर अस्पताल में रंग रोंगन और मरम्मत का काम रातों रात शुरू हो गया है। मातम के माहौल और मृतकों के परिजनों की चीख पुकार के बीच अस्पताल में चल रहे रंग रोंगन और मरम्मत को लेकर तीखी प्रतिकियाएं भी सामने आ रही हैं-;
कांग्रेस ने मातम के बीच अस्पताल में रंगाई-पुताई को त्रासदी का इवेंट बताया। साथ ही कहा कि PM मोदी की तस्वीर में कोई कमी न रहे, इसका सारा प्रबंध हो रहा है। इन्हें शर्म नहीं आती! इतने लोग मर गए और ये इवेंटबाजी में लगे हैं।
आम आदमी पार्टी के सौरभ भारद्वाज ने भी अस्पताल में रंगाई पुताई पर सवाल उठाये
वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम ने लिखा मोरबी के अस्पताल में लाशें हैं, परिजनों की चीखें हैं, घायलों की आवाजें हैं। इन सबके बीच अस्पताल के रंग- रोगन का काम तेजी से हो रहा है क्योंकि मोदी जी अपने सारे ‘शोज’ निपटाने के बाद अब मोरबी पहुंचने वाले हैं-
वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून वाजपेई ने लिखा मौत का भी इलाज हो शायदपर इस राजनीति का कोई इलाज नहीं…
दूसरी ओर हादसे को लेकर अब तक कार्रवाई के नाम पर नौ लोगों को अरेस्ट किया गया है। इनमें पुल का रखरखाव करने वाली ओरेवा कंपनी के दो मैनेजर, ब्रिज की रिपेयरिंग करने वाले दो कॉन्ट्रैक्टर, दो टिकट क्लर्क और तीन सिक्योरिटी गार्ड्स शामिल हैं। वहीं पीएम मोदी ने हादसे को लेकर सोमवार शाम गांधीनगर में हाईलेवल मीटिंग ली। बैठक में हादसे पर शोक व्यक्त करने के लिए 2 नवंबर को गुजरात में राजकीय शोक मनाने का निर्णय लिया गया।
गौरतलब है कि मोरबी पुल को रिनोवेशन के लिए 6 माह पहले बंद किया गया था और करीब 2 करोड़ की लागत से इसे रिनोवेट कर हादसे के 4 दिन पहले ही खोला गया था। पुल को बिना म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के खोला गया था। हादसा रविवार शाम करीब 6.30 बजे तब हुआ, जब 765 फीट लंबा और महज 4.5 फीट चौड़ा केबल सस्पेंशन ब्रिज टूट गया। पुल करीब 143 साल पुराना है और इसे ब्रिटिश शासन काल में बनाया गया था।