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PM बांग्लादेश के जिस मंदिर पहुंचे जानिए पश्चिम बंगाल की कितनी सीटों से है उसका कनेक्शन

प्रधानमंत्री दूसरे दिन जशोरेश्वरी मंदिर के अलावा मौतुवा समुदाय के ओराकान्दी मंदिर भी पहुंचे। मौतुवा समुदाय पश्चिम बंगाल के चुनाव में अहम् है।

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बांग्लादेश दौरे का शनिवार को दूसरा दिन है। प्रधानमंत्री दूसरे दिन जशोरेश्वरी मंदिर के अलावा मौतुवा समुदाय के ओराकान्दी मंदिर भी पहुंचे। ओराकान्दी वहीं जगह है, जहां मौतुवा समुदाय के संस्थापक हरिशचंद्र ठाकुर का जन्म हुआ था। मौतुवा समुदाय पश्चिम बंगाल के विधासभा चुनाव की दृष्टि से अहम् है। राज्य की 40 सीटों पर ये समुदाय निर्णायक साबित होता है।

प्रधानमंत्री मोदी आज मौतुवा समाज के संस्थापक हरीशचंद्र ठाकुर के ठाकुरवाडी यानी ओराकान्दी मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने मौतुवा समाज को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसने सोचा था कि भारत का प्रधानमंत्री कभी ओराकान्दी आएगा। मैं आज वैसा ही महसूस कर रहा हूं, जो भारत में रहने वाले ‘मॉतुवा शॉम्प्रोदाई’ के मेरे हजारों-लाखों भाई-बहन ओराकान्दी आकर महसूस करते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल में ठाकुरनगर में जब मैं गया था, तो वहाँ मेरे मौतुवा भाइयों-बहनों ने मुझे परिवार के सदस्य की तरह प्यार दिया था। विशेष तौर पर ‘बॉरो-माँ’ का अपनत्व, माँ की तरह उनका आशीर्वाद, मेरे जीवन के अनमोल पल रहे हैं। ठाकूरनगर में मौतुवा संप्रदाय के गौरवशाली इतिहास को प्रतिबिंबित करते भव्य आयोजनों और विभिन्न कार्यों के लिए भी हम संकल्पबद्ध हैं।

पश्चिम बंगाल में मौतुवा समाज की आबादी करीब दो करोड़ है। राजनीति रूप से यह समुदाय 40 विधानसभा सीटों पर निर्णायक साबित होता है। बीते विधानसभा चुनाव में ममता बैनजी को मौतुवा समुदाय का भरपूर समर्थन मिला था। यही कारण है कि भाजपा इस वोट बैंक में सेंध लगाना चाहती है।

लोकसभा चुनाव से पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मौतुवा समुदाय की ‘बॉरो मां’ बीणापाणी देवी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात का जिक्र उन्होंने आज अपने संबोधन में भी किया है। बीणापाणी देवी का पांच मार्च 2019 को निधन हो चुका है। हालांकि वे साल 2010 में ही ममता बैनर्जी को मौतुआ समुदाय का संरक्षक घोषित कर चुकी हैं।

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