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गण-वेष: क्या IT Cell की तरह भी काम कर रहा मेनस्ट्रीम मीडिया ?

गणतंत्र दिवस परेड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पोशाक खासी चर्चाओं में, पोशाक को लेकर मीडियाकर्मियों के एक जैसे ट्वीट पर हैरानी।

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) 73वें गणतंत्र दिवस की परेड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पोशाक खासी चर्चाओं में है। प्रधानमंत्री की वेषभूषा को न्यूज चैनलों ने काफी प्रमुखता से दिखाया। यही नहीं कुछ नेशनल न्यूज चैनलों के एंकर्स और मीडियाकर्मियों ने तो पीएम मोदी की पोशाक को लेकर शब्दशः एक जैसे ट्वीट किए जिस पर हैरानी जताई जा रही है।

दरअसल राजपथ पर परेड की सलामी लेमे पहुंचे पीएम मोदी कुर्ता-पजामा पहने थे। वे गले में मणिपुर का गमछा और सिर पर काले रंग की उत्तराखंड की पारंपरिक टोपी भी पहने थे। टोपी पर उत्तराखंड का राजकीय पुष्प ब्रह्मकमल भी अंकित था। बड़ी बात यह है कि मणिपुर और उत्तराखंड उन पांच राज्यों में शामिल हैं जहां विधानसभा चुनाव होना है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने भी पीएम मोदी के पहनावे को उत्तराखंड की संस्कति और परंपराओं को गौरवान्वित करने वाला बताया-

पीएम मोदी के पहनावे को लेकर न्यूज चैनलों के पत्रकारों ने भी ट्वीट किए। यहां तक कि कई पत्रकारों के ट्वीट में शब्द तक एक जैसे रहे-

पीएम के पहनावे और एक जैसे शब्दों में आई पत्रकारों की प्रतिक्रियाओं को लेकर भी सवाल उठे

दूसरी ओर यह भी कहा गया कि उत्तराखंड की ऐसी टोपी दिवंगत CDS बिपिन रावत भी अक्सर पहना करते थे। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी का इस टोपी को पहनना जनरल रावत को श्रद्धांजलि देना भी माना जा रहा है। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर शहीद रावत को मरणोपरांत पद्म विभूषण पुरस्कार सम्मान देने का ऐलान भी किया गया है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पोशाक को लेकर न्यूज एंकर्स और मीडियाकर्मियों के एक जैसे शब्दों पर सवाल बरकरार है।

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