PM को 9 विपक्षी नेताओं का खुला पत्र, लोकतंत्र से तानाशाही में बदल गए हम
8 राजनीतिक दलों के 9 विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा खुला पत्र
नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी को लेकर केंद्र सरकार विपक्ष के निशाने पर है। केंद्र पर संवैधानिक संस्थाओं और जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोप लग रहे हैं। अब 8 राजनीतिक दलों के 9 विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र लिखा है। पत्र में मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के सन्दर्भ का हवाला देते हुए लिखा है कि भारत एक लोकतांत्रिक देश से तानाशाही शासन में तब्दील हो गया है।
पीएम मोदी को यह खुला पत्र लिखने वाले नेताओं में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल, BRS चीफ के चंद्रशेखर राव, पंजाब के CM भगवंत मान, राजद नेता तेजस्वी यादव, नेशनल कॉन्फ्रेंस लीडर फारूक अब्दुल्ला, राकांपा चीफ शरद पवार, शिवसेना ठाकरे ग्रुप के चीफ उद्धव ठाकरे और सपा चीफ अखिलेश यादव शामिल हैं।
पत्र में लिखा गया है कि विपक्षी नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का मनमाना इस्तेमाल यह दिखाता है कि हम एक लोकतंत्र से तानाशाही में तब्दील हो गए हैं। लंबी तलाश के बाद 26 फरवरी 2023 को मनीष सिसोदिया को CBI ने गिरफ्तार कर लिया। कथित तौर पर गड़बड़ी के आरोप में ये गिरफ्तारी की गई और वह भी बिना कोई सबूत दिखाए। यह राजनीतिक षडयंत्र के तहत की गई कार्रवाई है।
पत्र में कहा गया कि मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी को दुनियाभर में बदले की भावना से की गई राजनीतिक कार्रवाई के उदाहरण के तौर पर देखा जा रहा है। इससे वह बात भी पुष्ट हो रही है, जिसके बारे में पूरी दुनिया आशंकित है कि भाजपा के तानाशाही शासन के दौरान भारत के लोकतांत्रिक मूल्य खतरे में हैं।
पत्र में उन नेताओं का हवाला भी दिया गया जिन पर विपक्ष में रहते केंद्र कार्रवाई की लेकिन उन नेताओं के भाजपा में आने के बाद कार्रवाई ठंडी हो गई। पत्र में लिखा गया कि आपके शासन में 2014 से अब तक जितने राजनेताओं की गिरफ्तारी हुई, छापे मारे गए या पूछताछ हुई, उनमें ज्यादातर विपक्षी नेता हैं। बड़ी बात यह है कि उन विपक्षी नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों की जांच धीमी पड़ जाती है, जो बाद में भाजपा जॉइन कर लेते हैं।