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जानिए कैसे एक खबर ने धार के धर्मपाल सैनी को बना दिया बस्तर का गांधी

लगभग पचास साल पहले एक खबर ने धर्मपाल सैनी को बस्तर जाने को प्रेरित किया।अब वे बस्तर के गांधी और बस्तर के ताऊ नाम से जाने जाते हैं।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) बीजापुर में नक्सलियों के कब्जे से सीआरपीएफ के जवान राकेश्वर सिंह की रिहाई में 92 साल के धर्मपाल सैनी की अहम भूमिका रही है। लगभग पचास साल पहले एक खबर ने धर्मपाल सैनी को बस्तर जाने को प्रेरित किया।अब वे बस्तर के गांधी और बस्तर के ताऊ नाम से जाने जाते हैं। आइए विस्तार से जानें कैसे धार से निकल बस्तर में जम और रम गए धर्मपाल सैनी।

धर्मपाल सैनी करीब 45 साल पहले युवावस्था में बस्तर की लड़कियों से जुड़ी एक खबर पढ़ कर इतने विचलित हुए कि यहां आए और यहीं के हो गए। 60 के दशक में सैनी ने एक अखबार में बस्तर की लड़कियों से जुड़ी एक खबर पढ़ी थी। खबर के अनुसार दशहरा के आयोजन से लौटते वक्त कुछ लड़कियों के साथ कुछ लड़के छेड़छाड़ कर रहे थे।लड़कियों ने उन लड़कों के हाथ-पैर काट कर उनकी हत्या कर दी थी।

यह खबर उन्हें विचलित कर गई। उन्होंने बस्तर की लड़कियों की हिम्मत और ताक़त को सकारात्मक बनाने की ठानी। धर्मपाल सैनी ने अपने गुरु विनोबा भावे से बस्तर आने की अनुमति मांगी लेकिन शुरू में वे नहीं माने। कई बार निवेदन करने के बाद विनोबा जी ने उन्हें 5 रुपए का एक नोट उन्हें थमाया और इस शर्त के साथ अनुमति दी कि वे कम से कम दस साल बस्तर में ही रहेंगे। इस तरह 5 रुपए लेकर वे 1976 में बस्तर पहुंचे। अब वे पिछले 40 सालों से बस्तर में है।

जब वे बस्तर आए तो उन्होंने देखा कि छोटे-छोटे बच्चे भी 15 से 20 किलोमीटर आसानी से चल लेते हैं। बच्चों की इस क्षमता को खेल और शिक्षा में इस्तेमाल करने की योजना उन्होंने बनाई। आगरा यूनिवर्सिटी से कॉमर्स ग्रेजुएट सैनी खुद भी एथलीट रहे हैं।

उनके डिमरापाल स्थित आश्रम में हजारों की संख्या में मेडल्स और ट्रॉफियां रखी हुई हैं। आश्रम की छात्राएं अब तक स्पोर्ट्स में ईनाम के रूप में 30 लाख से ज्यादा की राशि जीत चुकी हैं। धर्मपाल जी को बालिका शिक्षा में बेहतर योगदान के लिए 1992 में सैनी को पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया।

2012 में ‘द वीक’ मैगजीन ने सैनी को मैन ऑफ द इयर चुना था। श्री सैनी के बस्तर में आने के बाद साक्षरता का ग्राफ 10 प्रतिशत से बढ़कर 50 प्रतिशत के करीब पहुंच चुका है। उनके विद्यालय की बच्चियां एथलीट, डॉक्टर और प्रशासनिक सेवाओं में जा चुकी हैं। पद्मश्री धरमपाल सैनी अब तक देश के लिए 2000 से ज्यादा एथलीट्स तैयार कर चुके हैं।

बताया जा रहा है कि राकेश्वर सिंह को सकुशल लाने का अनुरोध मुख्यमंत्री भूपेश्वर बघेल ने किया था। सैनी बीते कई महीनों से सरकार और नक्सलियों के बीच शांति वार्ता के लिए प्रयास कर रहे थे।

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