Budget 2021 : बजट से नाखुश हैं लोग, कहा-भविष्य में खर्चे पर काबू करना मुश्किल
संसद में पेश किए गए केंद्रीय बजट 2021-22 को लेकर देश के नागरिकों की ओर से अच्छी प्रतिक्रिया देखने को नहीं मिली है।
नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की ओर से सोमवार को संसद में पेश किए गए केंद्रीय बजट 2021-22 को लेकर देश के नागरिकों की ओर से अच्छी प्रतिक्रिया देखने को नहीं मिली है। केंद्रीय बजट (Budget 2021) को जनता से कम अनुमोदन (अप्रूवल) रेटिंग मिली है। आईएएनएस सी-वोटर बजट इंस्टापोल में सामने आए निष्कर्षो से यह जानकारी मिली है।
देश के लोग कोविड-19 महामारी के असर के बाद स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था और सामाजिक मोर्चे पर सरकार से और अधिक राहत के उपायों की उम्मीद कर रहे थे, मगर सर्वे में सामने आए नतीजों के अनुसार, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लाखों लोगों को निराश किया है। इसका मुख्य कारण यह है, क्योंकि केंद्रीय बजट 2021 (Budget 2021) में आम नागरिकों के लिए आयकर स्लैब में कोई बदलाव की घोषणा नहीं की गई है।
सर्वेक्षण के अनुसार, 20,000-50,000 रुपये मासिक के बीच कमाने वाले लोगों ने बजट को सही बताया।
संसद में वित्त मंत्री द्वारा केंद्रीय बजट (Budget 2021) के लाइव टेलीकास्ट के ठीक बाद सर्वेक्षण किया गया था। देश के विभिन्न हिस्सों में 1,200 से अधिक उत्तरदाताओं से बातचीत की गई। सर्वे में शामिल लोगों से पूछा गया कि वह सोमवार को संसद में पेश किए गए केंद्रीय बजट को कितना रेटिंग देंगे।
लोगों से कहा गया कि वह इस बजट (Budget 2021) को लेकर 0 से लेकर 10 के बीच रेटिंग दें। इसके बाद 20,000 से 50,000 के बीच आय समूह के लोगों से कुल मिलाकर 6.39 रेटिंग या अंक प्राप्त हुए, जो कुल उत्तरदाताओं के आय समूहों में सबसे अधिक है।
इस बीच रेटिंग को लेकर सबसे कम आंकड़ा उन लोगों का देखने को मिला, जो मासिक तौर पर 10,000 से 20,000 रुपये कमाते हैं। इन लोगों के समूह से मिली कुल प्रतिक्रिया को आंका गया तो बजट को 5.94 अंक मिले।
सर्वेक्षण में सेवा क्षेत्र (सरकारी और निजी नौकरियां), व्यवसायी और स्वयं का काम करने वाले लोगों के साथ ही कृषि गतिविधियों में शामिल लोगों से भी समान प्रतिक्रियाएं मिलीं। निजी सेवा वर्ग की ओर से बजट को 5.15 अंक मिले, वहीं सरकारी कर्मचारियों ने 5.37, व्यवसायी वर्ग ने 5.30 और कृषि से जुड़े लोगों ने केंद्रीय बजट को 5.18 अंक दिए।
उम्र के लिहाज से देखा जाए तो 25 साल से कम उम्र के उत्तरदाताओं से कम से कम रेटिंग मिली। इस समूह द्वारा केवल 4.97 रेटिंग ही दी गई। इस बीच 46 और 55 वर्ष की आयु के लोगों ने बजट को 5.95 रेटिंग दी।
इस साल के बजट के बाद सर्वेक्षण में शामिल 49.7 प्रतिशत लोगों को लगता है
सर्वेक्षण में कहा गया है कि पिछले साल की तुलना में इस तरह की सोच रखने वाले लोगों में 11.8 प्रतिशत की गिरावट आई है, क्योंकि तब 38 प्रतिशत लोगों ने कहा था कि भविष्य के खचरें को प्रबंधित करना मुश्किल हो जाएगा। सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि 34 प्रतिशत को लगता है कि खर्च बढ़ जाएगा, लेकिन इसे प्रबंधित किया जा सकेगा, जिसमें पिछले साल की तुलना में 10.7 प्रतिशत का परिवर्तन देखने को मिला। वर्ष 2020-21 के केंद्रीय बजट के बाद 44.7 प्रतिशत लोगों ने महसूस किया था कि खर्च बढ़ेगा, लेकिन इसे मैनेज किया जा सकेगा।
सर्वे में शामिल 7.5 प्रतिशत लोगों ने महसूस किया कि दिन प्रतिदिन के खर्च में कमी आएगी, जो पिछले साल के बजट की तुलना में 1.9 प्रतिशत कम है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि 2014 का बजट, जो कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार द्वारा प्रस्तुत किया गया था, उसमें 42.1 प्रतिशत लोगों ने महसूस किया कि खर्च बढ़ जाएगा, लेकिन प्रबंधनीय रहेगा।
निष्कर्षो से पता चलता है कि 2014 में 20.4 प्रतिशत लोगों ने महसूस किया था कि उनके भविष्य के खर्च को प्रबंधित करना मुश्किल हो जाएगा, जबकि 23.1 प्रतिशत लोगों को लगता था कि उनके दिनभर के खर्च में कमी आएगी और उस समय 14.1 प्रतिशत लोगों ने इस संबंध में कोई टिप्पणी नहीं की थी।
यह भी पढ़ें- किसान मोर्चा का बड़ा ऐलान, 6 फरवरी को देशभर में चक्का जाम