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नेहरू-अटल आदर्श नेता: गडकरी का बयान BJP के लिए नसीहत या मुसीबत?

नितिन गडकरी के बयान का भाजपा नेता और प्रवक्ता न तो समर्थन कर पा रहे हैं और न ही विरोध।

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को लेकर दिया बयान भारतीय जनता पार्टी के लिए गले की हड्ड बनता नजर आ रहा है। भाजपा नेता और प्रवक्ता न तो इस बयान का समर्थन कर पा रहे हैं और न ही विरोध। विपक्षी दल जरूर भाजपा के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी के बयान की सराहना कर रहे हैं।

आमतौर पर भाजपा की नई पीढ़ी के नेता जवाहर लाल नेहरू को लेकर आक्रामक रहते हैं वहीं सोशल मीडिया पर भाजपा के ज्यादातर समर्थक नेहरू को लेकर नकारात्मक प्रचार करते हैं लेकिन इन नेताओं और समर्थकों के लिए अब अपने ही पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी की बात को दरकिनार करना बेहद मुश्किल नजर आ रहा है।

भारतीय लोकतंत्र में पक्ष विपक्ष की लगातार बदलती भूमिका और सभी राजनीतिक दलों को आत्ममंथन किये जाने की जरुरत को लेकर गडकरी के परिवक्व बयान की सोशल मीडिया पर भी सराहना हो रही है। साथ ही इस बयान को लेकर नसीहतें भी दी जा रही हैं और भाजपा नेताओं से सवाल किए जा रहे हैं-

गौरतलब है कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम में कहा है कि वाजपेयी और नेहरु, भारतीय लोकतंत्र के दो आदर्श नेता थे। दोनों ही लोकतांत्रिक मर्यादा का पालन करने की बात कहते थे। अटलजी की राजनीतिक विरासत हमारी प्रेरणा है और पंडित जवाहर लाल नेहरु का भारत के लोकतंत्र में अहम योगदान है। नेहरु ने हमेशा ही वाजपेयी जी को इज्जत दी। वो हमेशा मजबूत विपक्ष की जरुरत पर जोर देते थे।

गडकरी ने यह भी कहा कि एक सफल और मजबूत लोकतंत्र के लिए मजबूत विपक्ष का होना बेहद जरूरी है। सदन में बर्ताव को लेकर गडकरी ने सियासी दलों को बड़ी नसीहत देते हए कहा कि सरकार और विपक्ष सभी को आत्ममंथन करने की जरुरत है क्योंकि आज जो विपक्ष है वो कल सत्ता में और आज की सत्तारूढ़ पार्टी कल विपक्ष में हो सकती है। यह ध्यान रखना चाहिए कि लोकतंत्र में हमारे किरदार बदलते रहते हैं। इसलिए लोकतांत्रिक मर्यादा का पालन सबसे जरूरी है।

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