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‘गंगा विलास क्रूज’ छपरा में फंसा, तीन दिन पहले PM ने दिखाई थी हरी झंडी

छपरा में पानी कम होने के कारण फंस गया बहुप्रचारित क्रूज

पटना (जोशहोश डेस्क) प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हरी झंडी दिखाए जाने के महज़ तीन दिन बाद ही ‘गंगा विलास क्रूज’ बिहार के छपरा में फंस गया। ‘गंगा विलास क्रूज’ वाराणसी से डिब्रूगढ़ के लिए रवाना हुआ था लेकिन छपरा में पानी कम होने के कारण बहुप्रचारित क्रूज’ फंस गया।

बताया जा रहा है कि क्रूज-ऑपरेटर्स को उसे निकालने की काफी मशक्‍कत करनी पड़ी। क्रूज के फंसने का पता चलते ही SDRF की टीमें एक्टिव हुईं और वहां से पर्यटकों को उतारकर शेड्यूल के मुताबिक स्थानीय पुरातात्विक स्थल ले जाया गया।

क्रूज को शेड्यूल के मुताबिक छपरा से 11 किमी दूर डोरीगंज बाजार के पास चिरांद के पुरातात्विक स्थलों का दौरा करना था। इसके लिए तय रूट से क्रूज छपरा पहुंचा, लेकिन वहां गंगा नदी में पानी बिल्कुल उथला होने के कारण उसे आगे बढ़ने में परेशानी होने लगी। नदी में पानी कम होने की वजह से उसे किनारे लाना मुश्किल हो गया था। क्रूज पर सवार सैलानियों को काफी देर तक रुकना पड़ा।

पीएम द्वारा तीन दिन पहले ही हरे झंडी दिखाए जाने के कारण सूज के फंसने को लेकर सरकार की किरकिरी भी हो रही है। सरकार पर पहले ही गंगा में विलासिता को बढ़ावा देने के आरोप लग रहे थे

गौरतलब है कि गंगा विलास क्रूज को 3-4 दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से लॉन्‍च किया था। लॉन्चिंग के वक्‍त कहा गया था कि गंगा विलास क्रूज नदी के रास्‍ते 3200 किलोमीटर का सफर करेगा। इस क्रूज में स्विटजरलैंड के कुल 31 सैलानी सवार हैं। खास बात यह है कि इसमें बुकिंग कराने वाले ज्‍यादातर लोग विदेशी ही हैं। क्रूज 3200 किलोमीटर की यात्रा में भारत और बांग्लादेश की 27 नदी प्रणालियों से होकर गुजरेगा। यात्रा 51 दिनों है जिस पर प्रति व्यक्ति करीब 52 लाख का खर्च आना बताया जा रहा है।

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