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CM योगी से शिकायत करने पहुंची पुलवामा में शहीद की पत्नी, थाने ले आई पुलिस

मुलाकात से पहले ही यूपी पुलिस शहीद की पत्नी ममता रावत और उनके बेटे को थाने ले गई।

आगरा (जोशहोश डेस्क) देश में शहीदों के सम्मान में तात्कालिक घोषणाएं तो बहुत होती हैं लेकिन उन पर अमल सालों नहीं होता। ऐसा ही कुछ पुलवामा में कौशल रावत की शहादत के साथ भी हुआ। हद तो तब हो गई जब घोषणाओं पर अमल में देरी की शिकायत लेकर शहीद कौशल रावत की पत्नी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने पहुंची तो उन्हें सीएम योगी से मिलाने के बजाय यूपी पुलिस थाने ले आई।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को आगरा पहुंचे थे। इस दौरान पुलवामा हमले में शहीद कौशल रावत की पत्नी ममता रावत भी उनसे मिलने पहुँची। ममता रावत अपने शहीद पति के सम्मान में की घोषणाओं के अमल में हो रही लेटलतीफी की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से करना चाहती थीं लेकिन मुलाकात से पहले ही यूपी पुलिस ममता रावत और उनके बेटे को थाने ले गई।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोकदल ने शहीद की पत्नी के साथ पुलिस के बर्ताव को शहीदों का अपमान बताते हुए योगी सरकार पर सवाल उठाये हैं-

गौरतलब है कि बीते महीने भी सरकार और प्रशासन के रवैये से क्षुब्ध रावत परिवार शहीद के स्मारक के सामने धरने पर बैठ गया था। इस दौरान उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा भी आगरा में थे लेकिन उन्होंने शहीद की पत्नी से मुलाकात नहीं की थी। जिसके बाद उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।

धरने पर बैठी ममता रावत ने तब आरोप लगाया था कि आगरा से लखनऊ तक दो सौ से ज्यादा चक्कर काटने के बाद भी न तो उनके शहीद पति की मूर्ति का अनावरण हुआ न शहीद द्वार बना। सरकार और प्रशासन के वादे कोरे ही रह गए। ममता रावत का कहना था परिवार को बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से अपना एक दिन का वेतन दिया गया था। यह धनराशि 65 लाख 57 हजार रुपये थी। यह धनराशि भी उन्हें अभी नहीं दी गई है।

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले में शहीद होने वालों में आगरा के थाना ताजगंज के कहरई गांव के कौशल कुमार रावत भी शामिल थे। कौशल कुमार का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए आगरा लाया गया था। शहीद की पत्नी ममता रावत ने बताया कि उस समय सरकार, प्रशासन के अधिकारियों और नेताओं ने कई वादे किए थे।

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