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राहुल गांधी ने रद्द की पश्चिम बंगाल में चुनावी सभाएं,बोले- राजनैतिक दल सोचें रैलियों से कितना खतरा?

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बड़ा ऐलान किया है। राहुल गांधी ने पश्चिम बंगाल में अपनी सभी चुनावी रैलियां रद्द कर दीं।

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) कोरोना के कहर के बीच पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने बड़ा ऐलान किया है। राहुल गांधी ने पश्चिम बंगाल में अपनी सभी चुनावी रैलियां रद्द कर दीं। उन्होंने ट्वीट किया कि राजनैतिक दलों को सोचना चाहिए कि ऐसे समय में रैलियों से जनता व देश को कितना खतरा है।

पश्चिम बंगाल में शनिवार को पांचवे चरण का मतदान संपन्न हुआ है। यहां कुल आठ चरणों में वोटिंग होना है। कोरोना के बढ़ते कहर के बीच पश्चिम बंगाल में चुनावी रैलियां करने पर राजनीतिक दलों की खासी किरकिरी हो रही है।

वहीं राहुल गांधी के इस ऐलान ने भारतीय जनता पार्टी को भी मुश्किल में डाल दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पहले ही बंगाल में बड़ी रैलियों और रोड शो के कारण आलोचनााओं का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में राहुल गांधी के ऐलान के बाद भाजपा को नैतिकता के सवाल पर जवाब देना मुश्किल होगा।

दूसरी और ममता बैनर्जी को राहुल गांधी के इस ऐलान से नुकसान कम और फायदा ज्यादा होगा। अगर अब भाजपा की रैलियों में कटौती होती है तो इसका सीधा फायदा ममता बैनर्जी को होगा क्योंकि ममता बैनर्जी पहले ही बाकी चरणों के चुनाव को एक साथ कराए जाने की मांग कर चुकी हैं। यानी ममता बैनर्जी भी यही चाहती हैं कि भाजपा के आक्रामक प्रचार को जल्द रोका जाए।

राहुल गांधी कोरोना संक्रमण को लेकर भी प्रधानमंत्री मोदी पर हमलावर दिख रहे हैं। प्रधानममंत्री ने हाल ही में पश्चिम बंगाल की एक चुनावी सभा में कहा था कि मैंने किसी सभा में इतनी भीड़ पहली बार देखी। राहुल गांधी ने इस पर पलटवार करते हुए ट्वीट किया कि बीमारों और मृतकों की इतनी भीड़ पहली बार देखी-

इससे पहले उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान एक सभा में दिए गए प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन पर तंज कसते हुए ट्वीट किया था कि ‘श्मसान और कब्रिस्तान दोनों… जो कहा था वो किया’।

पश्चिम बंगाल में पांच चरण का मतदान हो चुका है। अगले चरण में यहां 22 अप्रैल को होना है। अंतिम चरण का मतदान 29 अप्रैल को होगा। राज्य में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच ही सीधा मुकाबला माना जा रहा है। कांग्रेस यहां लेफ्ट गठबंधन के साथ चुनाव मैदान में है लेकिन कांग्रेस के बड़े नेता यहां चुनावी मैदान में कम ही दिखें हैं। राहुल गांधी ने भी अब तक केवल चुनावी सभा को संबोधित किया है।

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