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संसदीय समिति में राहुल गांधी का सवाल-क्यों खरीदे कम राफेल?

राहुल गांधी ने संसदीय सुरक्षा समिति में सवाल उठाया कि जब चीन और पाकिस्तान दोनों ही भारत पर लगातार दबाव बना रहे हैं तो सरकार ने 126 की बजाए केवल 36 राफेल विमान ही खरीदने की डील क्यों की गई?

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर राफेल विमान को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। राहुल गांधी ने रक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति में सवाल उठाया कि जब चीन और पाकिस्तान दोनों ही भारत पर लगातार दबाव बना रहे हैं तो सरकार ने 126 की बजाए केवल 36 राफेल विमान ही खरीदने की डील क्यों की गई?

रक्षा मंत्रालय से जुड़ी स्थायी समिति की ये बैठक गुरुवार को हुई थी। बैठक में रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के अलावा चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल बिपिन रावत और डीजीएमओ समेत कई अन्य आला अधिकारी मौजूद थे। बैठक आम बजट में रक्षा मंत्रालय से जुड़े प्रावधानों पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी।

बताया जा रहा है कि बैठक में राहुल गांधी ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल बिपिन रावत से पूछा कि क्या कारण रहा कि राफेल डील जो 126 विमानों की थी उसे घटाकर 36 विमानों का कर दिया गया? राहुल गांधी ने आगे कहा कि क्या इससे भारतीय वायु सेना की क्षमता प्रभावित नहीं होगी?

राहुल के सवाल पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल बिपिन रावत ने बताया कि भारतीय वायु सेना जल्द ही एचएएल में निर्मित स्वेदशी फाइटर जेट लेने जा रही है। गौरतलब है कि राफेल डील में एचएएल के स्थान पर रिलायंस को शामिल किया गया है।

राहुल गांधी ने इसके अलावा चीन द्वारा भारतीय सीमा में घुसपैठ का मुद्दा भी उठाया। राहुल गांधी ने अपने आरोपों को दोहराते हुए कहा कि चीनी सेना ने भारत की ज़मीन पर कब्ज़ा कर लिया है। इस दौरान राहुल गांधी ओर समिति के अध्यक्ष तथा ओडिशा से भाजपा सांसद जोएल ओरम की तीखी बहस भी हो गई। राहुल गांधी का आरोप था कि समिति के अध्यक्ष विपक्ष खासकर कांग्रेस को बोलने का मौका नहीं दे रहे हैं।

राहुल गांधी के आरोपों पर समिति में शामिल एक भाजपा सांसद का कहना था कि यूपीए सरकार सात सालों तक डील फाइनल नहीं कर पाई थी। मोदी सरकार ने गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट काॅकॉन्ट्रैक्ट के तहत इस डील को फाइनल कर सेना की तात्कालिक जरूरत को पूरा किया है।

इससे पहले भी राहुल गांधी ने राफेल डील को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। लोकसभा चुनावों के दौरान राहुल गांधी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर बेहद हमलावर थे। उन्होंने डील से एचएएल को बाहर कर रिलायंस को शामिल करने पर भी तीखी हमले किए थे।

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