पेगासस जासूसी: क्या फिर सच साबित हो रहा राहुल गांधी का दावा?
न्यूयाॅर्क टाइम्स के खुलासे के बाद राहुल गांधी के पेगासस जासूसी को लेकर किये दावे के पुराने वीडियो-तस्वीरें वायरल।
नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) न्यूयाॅर्क टाइम्स के खुलासे के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पेगासस जासूसी को देशद्रोह करार दिया वहीं कांग्रेस के महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने भी पेगासस जासूसी को लेकर मोदी सरकार पर संसद व सुप्रीम कोर्ट के साथ धोखा करने का आरोप लगाया। सोशल मीडिया पर यह भी कहा जा रहा है कि राहुल गांधी ने इस मामले को लेकर जो दावा किया था वह भी सच साबित हो गया। इससे पहले भी राहुल गांधी के कुछ अन्य दावे भी सही साबित होते दिखे हैं।
न्यूयाॅर्क टाइम्स की रिपोर्ट के बाद राहुल गांधी ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि मोदी सरकार ने हमारे लोकतंत्र की प्राथमिक संस्थाओं, राजनेताओं व जनता की जासूसी करने के लिए पेगासस खरीदा था। फोन टैप करके सत्ता पक्ष, विपक्ष,सेना,न्यायपालिका सब को निशाना बनाया है ये देशद्रोह है-
वहीं कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने इस मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समाचार पत्र ने वो साबित कर दिया है, जो कांग्रेस हमेशा कहती थी। मोदी सरकार ने गैर-कानूनी व असंवैधानिक तरीके से अपने ही नागरिकों के खिलाफ जासूसी स्पाइवेयर पेगासस इजरायल से खरीद कर इस्तेमाल किया और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिम्मेदार हैं। मोदी सरकार ने पार्लियामेंट को धोखा दिया। गृहमंत्री और गृह मंत्रालय ने देश को धोखा दिया है। रक्षामंत्री और रक्षा मंत्रालय ने संसद को धोखा दिया।
दूसरी ओर न्यूयाॅर्क टाइम्स के खुलासे के बाद सोशल मीडिया पर राहुल गांधी के पेगासस जासूसी को लेकर किये दावे के पुराने वीडियो और तस्वीरें दोबारा वायरल हो रही हैं-
गौरतलब है कि शनिवार को अमेरिकी अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स ने जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस को लेकर बड़ा खुलासा किया है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार ने 2017 में इज़राइल का जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस खरीदा था। पेगासस की खरीदी इज़राइल से पांच साल पहले हुई दो अरब डॉलर (करीब 15 हजार करोड़ रुपये) के रक्षा सौदा में ही शामिल थी।
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‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ अखबार का दावा है कि जुलाई 2017 में जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इज़राइल पहुंचे थे, तब भारत ने इज़राइल से आधुनिक हथियार और जासूसी सॉफ्टवेयर खरीदने का सौदा किया था। यह डील करीब 15 हजार करोड़ की थी और इस डील के केंद्र में एक मिसाइल सिस्टम और पेगासस ही था। अखबार ने लिखा है कि इस दौरे में भारत के फलस्तीन के लिए प्रतिबद्धता के पुराने रुख में बदलाव के संकेत के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इज़राइल के तत्कालीन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच काफी करीबी देखी गई।
गौरतलब है कि मीडिया समूहों के एक वैश्विक संघ ने बीते साल जुलाई में खुलासा यह किया था कि दुनिया भर की कई सरकारों ने अपने विरोधियों, पत्रकारों, व्यापारियों पर जासूसी करने के लिए स्पाईवेयर का इस्तेमाल किया था। भारत में ‘द वायर’ द्वारा की गई जांच में बताया गया था कि जासूसी होने की संभावना वाले नेताओं में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नेता राहुल गांधी, तत्कालीन चुनाव आयुक्त अशोक लवासा, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव सहित लगभग 40 अन्य पत्रकार भी थे।