वैक्सीन के बाद भी हो रहा कोरोना, क्या बोले वैज्ञानिक?

नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) दुनियाभर में कोरोना वायरस अपने चरम पर है। वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए कोरोना वैक्सीन ही उपाय है, जो कोरोना के प्रकोप को कम कर सकता है। इसीलिए सरकार ने टीकाकरण अभियान तेज़ी से शुरू कर दिया है। लेकिन कोरोना टीकाकरण को लेकर कई सवाल खड़े किए जा रहे है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि जब इतनी बड़ी संख्‍या में पूरी दुनिया में कोरोना वैक्‍सीन लगाई जा रही है तो कुछ मामलों में अगर दोबारा वायरस का पता चला है तो ये बड़ी बात नहीं है. इतनी बड़ी संख्‍या में वैक्‍सीनेशन प्रोग्राम में कुछ लोगों में ऐसी दिक्‍कत होना आम बात है। वैज्ञानिकों ने बताया कि कोरोना वैक्‍सीन लगवाने के बाद इन्‍फेक्‍शन का जो मामला सामने आता है उसे ब्रेकथ्रू केस कहते हैं। हालांकि ये तब माना जाता है जब इसमें इन्फेक्शन दोनों वैक्सीनेशन लेने के कम से कम 14 दिन के बाद हो।

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हालां‍कि कुछ जगहों पर ऐसे भी मामले सामने आ रहे जिसमें कोरोना वैक्‍सीन लगवाने के बाद भी लोग कोरोना संक्रमित हो रहे हैं। अगर पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की बात करें तो उन्‍होंने 18 मार्च को चीनी कंपनी सिनोफार्म की कोरोना वैक्‍सीन लगवाई थी लेकिन 20 मार्च को वो कोरोना संक्रमित हो गए। ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि क्‍या कोरोना वैक्‍सीन लेने के बाद भी लोग संक्रमित हो सकते हैं।

इस पूरे मामले पर वैज्ञानिकों का कहना है कि वैक्सीन एक ट्रेनर की तरह होती है। वायरस से लड़ने के लिए आपके इम्यून सिस्टम को ट्रेंड करने के लिए कई हफ्तों की जरूरत होती है। इमरान खान की पहली खुराक को काम करने के लिए महज दो दिन मिले थे। ऐसा भी हो सकता है कि इमरान खान को कोरोना वायरस पहले से था, जिसके बारे में उन्‍हें उस वक्‍त पता ही नहीं चल सका जब उन्‍होंने कोरोना वैक्‍सीन की पहले डोज ली थी। इमरान खान के कोरोना पॉजिटिव होने का मतलब यह नहीं है कि उनकी वैक्‍सीन फेल रही है।

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