‘तांडव’ में देवी-देवताओं के अपमान पर अमेजन ने दूसरी बार मांगी माफ़ी
दृश्य को देखकर दर्शकों की भावनाएं आहत हुई थीं। अब हालांकि अमेजन ने एक बयान जारी कर इस 'आपत्तिजनक दृश्य पर' माफी मांगी है।
Ayushi Jain
नई दिल्ली (जोशहोश डेस्क) अमेजन प्राइम वीडियो पर हाल ही में रिलीज चर्चित वेब सीरीज ‘तांडव’ (Tandav) उस समय काफी चर्चा आया था जब इसके कुछ दृश्यों में हिंदू देवी-देवताओं का अपमान किया गया था। इस दृश्य को देखकर दर्शकों की भावनाएं आहत हुई थीं। अब हालांकि अमेजन ने एक बयान जारी कर इस ‘आपत्तिजनक दृश्य पर’ माफी मांगी है।
अमेजन प्राइम वीडियो ने एक माफीनामा जारी करते हुए लिखा, “अमेजन प्राइम वीडियो को अत्यंत खेद है कि दर्शकों को हाल ही में लॉन्च की गयी काल्पनिक सीरीज ‘तांडव’ के कुछ दृश्य आपत्तिजनक लगे। किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना हमारा ध्येय नहीं था, और इस बात से अवगत कराये जाने पर, उन आपत्तिजनक दृश्यों को या तो हटा दिया गया या फिर संपादित किया गया।
माफीनामा में आगे लिखा है, “हम अपने दर्शकों की विविध आस्थाओं का सम्मान करते हैं और उन दर्शकों से अप्रतिबाधित क्षमा याचना करते हैं, जिन्हें ठेस पहुंची है। हमारी टीमें कंपनी की विषय मूल्यांकन विधियों का अनुकरण करती हैं, और हम मानते हैं के दर्शकों की बेहतर सेवा के लिए, समय-समय पर इन विधियों का आधुनिकीकरण आवश्यक है। हम भारतीय कानूनों का अनुपालन करते हुए, और हमारे दर्शकों की संस्कृति और आस्थाओं का सम्मान करते हुए, अपने सहयोगियों के साथ आगे भी मनोरंजक विषय विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
आपको बता दें, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ‘तांडव’ वेब सीरीज को दिखाने वाली अमेजन सेलर्स सर्विस प्राइवेट लिमिटेड की इंडिया की प्रमुख अपर्णा पुरोहित को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। अपर्णा पुरोहित द्वारा भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए) (1)(बी), 295-ए, 505 (1) (बी) 505 (2) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 और 67 व एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(1)(आर) के तहत अग्रिम जमानत की याचिका दायर की गई थी।
आवेदक सहित अन्य छह सह-अभियुक्तों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि ऑनलाइन मूवी ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजॅन प्राइम वीडियो पर एक वेब श्रृंखला दिखाई जा रही है, जिसमें आपत्तिजनक सामग्री है। यह वेब सीरीज हेड ऑफ इंडिया ओरिजिनल्स के जरिए एक पेड मूवी के रूप में अमेजन प्राइम वीडियो पर दिखाई जा रही है, जिसके निर्देशक अली अब्बास जफर हैं।
यह फिल्म उत्तर प्रदेश पुलिस की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। इसमें दो कलाकारों को शराब का सेवन करते और गालियां देते हुए डायल 100 पुलिस वाहन की सवारी करते हुए दिखाया गया है।
इसमें सांप्रदायिक भावनाओं को उकसाने के इरादे से हिंदू देवी-देवताओं का चित्रण सही अंदाज में नहीं किया गया है। फिल्म में प्रधानमंत्री के पद को इस तरह से चित्रित किया गया है, जिससे देश की लोकतांत्रिक प्रणाली पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है और साथ ही जाति और समुदाय से संबंधित बातें भी जानबूझकर इस तरह से किए गए हैं, जिससे यह सार्वजनिक शांति को प्रभावित कर सके।
इन सभी मुद्दों के चलते इस मूवी सीरीज के निर्माता/ निर्देशक, अभिनेता/अभिनेत्रियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।