उन्नाव रेप पीड़िता की मां को सपा ने दिया समर्थन, कांग्रेस ने बनाया है उम्मीदवार
कांग्रेस ने साल 2017 के बहुचर्चित उन्नाव गैंगरेप की पीड़िता की मां को उन्नाव सदर से अपना उम्मीदवार बनाया है।
Ashok Chaturvedi
लखनऊ (जोशहोश डेस्क) उत्तरप्रदेश में ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ का नारा देने वाली कांग्रेस ने उन्नाव रेप पीड़िता की मां आशा सिंह को चुनावी मैदान में उतार कर बड़ा कदम उठाया है। वहीं अब यह खबर भी आई है कि समाजवादी पार्टी ने भी अन्याय के खिलाफ लड़ाई का चेहरा बन चुकीं आशा सिंह के समर्थन में प्रत्याशी न उतारने का फैसला लिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सपा ने शुक्रवार को आशा सिंह के समर्थन का एलान किया। कांग्रेस ने उत्तरप्रदेश के लिए जारी अपनी पहली सूची में साल 2017 के बहुचर्चित उन्नाव गैंगरेप की पीड़िता की मां को उन्नाव सदर से अपना उम्मीदवार बनाया है। तब से ही सोशल मीडिया पर यह आवाज उठ रही थी कि विपक्ष को आशा सिंह के समर्थन में उम्मीदवार नहीं उतारना चाहिए।
कांग्रेस द्वारा टिकट दिए जाने के बाद आशा सिंह ने कहा था कि मेरे संघर्ष में और मेरी लड़ाई में मेरा साथ देने के लिये कांग्रेस पार्टी की आभारी हूँ। आशा सिंह ने उन्नाव सदर से कांग्रेस प्रत्याशी घोषित करने के लिये कांग्रेस महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी को धन्यवाद भी कहा था। आशा को समर्थन देकर सपा भी समाज के शोषित वर्ग के लिए प्रतिबद्धता को दर्शाना चाहती है। इस मामले में बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर को पीड़िता के साथ बलात्कार का दोषी ठहराते हुए उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई गई है।
गौरतलब है कि पीड़िता विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के यहां नौकरी दिलाने में मदद मांगने के लिए उनसे मिलने गई थी और विधायक के घर पर उसका रेप किया गया था। पीड़िता का आरोप था कि पुलिस ने बयान में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का नाम नहीं लेने दिया। इसके बाद उन्नाव पुलिस ने पीड़िता के पिता को आर्म्स एक्ट के एक मामले में गिरफ़्तार किया था और पुलिस कस्टडी में उनकी मौत हो गई थी। पीड़िता के पिता की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उन्हें 14 जगह चोटें लगने की बात सामने आई थी इस मामले में छह पुलिस वालों को सस्पेंड भी किया गया था।
साल 2018 में योगी सरकार ने ये केस सीबीआई को सौंप दिया था। इसके बाद नाबालिग से रेप के मामले में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को अभियुक्त बनाया गया था। 13 अप्रैल 2018 को सीबीआई ने विधायक कुलदीप सेंगर को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया उसके बाद गिरफ्तारी की और मामले में नई एफ़आईआर दर्ज की गई थी। कुलदीप सिंह सेंगर को रेप के लिए कसूरवार ठहराया गया। साल 2019 में कुलदीप सिंह सेंगर को इस मामले में उम्र कैद की सज़ा सुनाई गई थी वहीं साल 2020 में कुलदीप सिंह सेंगर को न्यायिक हिरासत में हुई पीड़िता के पिता की मौत के लिए भी कसूरवार ठहराया गया था।