किसान बर्बाद-सत्ता आबाद, किस बात का जश्न मनाने आए अमित शाह-गडकरी?

अमित शाह-नितिन गडकरी की मौजूदगी में शुरू हो रही जनआशीर्वाद यात्राओं को रणदीप सुरजेवाला ने करार दिया अवसरवाद यात्रा

भोपाल (जोशहोश डेस्क) प्रदेश में जीत के लिए जी जान लगा रही भाजपा ने जनआशीर्वाद यात्राओं पर फोकस कर दिया है। जन आशीर्वाद यात्रा का चित्रकूट से आगाज भी हो गया। अब दूसरे जन आशीर्वाद यात्रा रथ को हरी झंडी दिखाने अमित शाह मंडला आ रहे हैं। वहीं केंद्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी खंडवा संभाग से 6 सितंबर को जन आशीर्वाद यात्रा को रवाना करेंगे।

इस बीच केंद्रीय मंत्री अमित शाह और नितिन गडकरी की मौजूदगी में शुरू हो रही जनआशीर्वाद यात्राओं को कांग्रेस के प्रभारी महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने अवसरवाद यात्रा करार दिया है। उन्होंने लिखा कि ‘जन धोखा – धन लूट अवसरवाद यात्रा में अमित शाह मंडला श्योपुर आ रहे हैं, गडकरी खंडवा में हैं, पर पूरे मध्य प्रदेश में “किसानों को बर्बाद” करके अपनी “सत्ता आबाद” करने की कोशिश औंधे मुँह गिरेगी।

उन्होंने आगे लिखा कि पूरे प्रदेश में बिजली संकट गहरा गया है । किसानों को खेत के लिए बिल्कुल बिजली नहीं दी जा रही है। समूचे मप्र में खरीफ़ की फसलें सत्ता की नाकामी की वजह से तबाह हो गईं। निर्लज्ज शिवराजसिंह चौहान अपनी सत्ता की भूख की यात्राओं के जश्न में डूबे हैं और मध्यप्रदेश की खेती बूँद बूँद को तरस रही है। ऐसे में अमित शाह व गडकरी किस बात का जश्न मनाने आए हैं?

प्रभारी महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने मध्यप्रदेश के किसानों की ओर से पांच सवाल भी पूछे हैं-

➡️ आज श्योपुर में बाजरा और सोयाबीन की तथा खंडवा- निमाड़ में सोयाबीन, कपास और मिर्ची की फसलों ने पानी और बिजली की कमी से तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया ।

क्या श्री अमित शाह और गडकरी ये जानते भी हैं, समझते भी हैं? क्या जबाब देंगे?

➡️ निर्लज्ज शिवराजसिंह चौहान अपनी सत्ता की भूख की यात्राओं के जश्न में डूबे हैं और मध्यप्रदेश की खेती बूँद बूँद को तरस रही है। किसान कराह रहा है और भाजपाई “अवसरवाद यात्रा” का जश्न मना रहे हैं।

क्या श्री अमित शाह और गडकरी किसान को कारण बतायेंगे कि किसान से धोखेबाज़ी क्यों?

➡️ न नहरों से पानी छोड़ा गया, न बिजली की व्यवस्था की गई।

मप्र में धान,सोयाबीन,मक्का, बाजरा, ज्वार, कपास, उड़द, मूँग, तुअर, मूंगफली जैसी 11 से अधिक फसलें बोई जाती हैं, जिसमें 34 लाख हेक्टेयर से अधिक धान , 66 लाख हेक्टेयर से अधिक सोयाबीन ,19 लाख हेक्टेयर से अधिक ज्वार बाजरा और मक्का तथा 5 लाख हेक्टेयर से अधिक कपास बोई जाती है।

सब बर्बादी की कगार पर है पर श्री अमित शाह व गडकरी सिर्फ़ वोट की खेती काटने आए हैं, ऐसा क्यों? जब खेती लूट रही है तो वोट क्यों?

➡️ अल्पवर्षा से प्रदेश में सूखे के हालात हैं । किसानों ने कर्ज लेकर खरीफ़ की फसलें लगाई थी, उन्हें शिवराज सरकार ने इस कदर धोखा दिया कि न तो नहरों से पानी छोड़ा न बिजली उपलब्ध कराई ।

ऐसी किसान विरोधी सरकार को वोट क्यों? दिल्ली की सरकार राहत क्यों नहीं दे रही? क्या श्री अमित शाह व गडकरी जबाब देंगे?

➡️ मध्यप्रदेश में बिजली की डिमांड 15006 मेगा वाट तक पहुँच गई है , मौसम विभाग की पूर्व चेतावनी के बावज़ूद बिजली की व्यवस्था नही की गई और आज प्रदेश में लगभग 3,000 मेगा वाट बिजली की कमी है।

इतना ही नहीं ,ऐसे समय 1800 मेगा वाट की पाँच यूनिट मेंटेनेंस के नाम पर बंद कर दी गई हैं और 10 रुपए यूनिट तक बिजली निजी क्षेत्र से खरीद चाँदी लूटी जा रही हैं ।

पूरे प्रदेश में बिजली संकट गहरा गया है । किसानों को खेत के लिए बिल्कुल बिजली नहीं दी जा रही है।

समूचे मप्र में खरीफ़ की फसलें सत्ता की नाकामी की वजह से तबाह हो गईं तो श्री अमित शाह व गडकरी किस बात का जश्न मनाने आए हैं?

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