कांग्रेस के G-23 में दरार, मध्यप्रदेश के नेताओं ने भी किया किनारा
कांग्रेस नेतृत्व को ताकत दिखा रहे जी-23 गुट में भी दरार दिखने लगी है। मध्यप्रदेश से जुड़े दो नेताओं ने भी इससे दूरी बना ली है।
Ashok Chaturvedi
भोपाल (जोशहोश डेस्क) कांग्रेस नेतृत्व को ताकत दिखा रहे जी-23 गुट में भी दरार दिखने लगी है। जम्मू के मंच पर दिखे नेता भी लगातार हो रही सार्वजनिक बयानबाजी के खिलाफ हो गए हैं। मध्यप्रदेश से जुड़े दो नेताओं ने भी इससे दूरी बना ली है। इनमें मध्यप्रदेश के नेता प्रतिपक्ष रहे अजय सिंह और भोपाल में एनजीओ का संचालन करने वाले संदीप दीक्षित भी शामिल हैं। दोनों का मानना है कि जब तक बातें पार्टी फोरम के भीतर उठाई जाए तब तक तो ठीक है लेकिन जब बाहर इस तरह से व्यव्हार किया जाने लगे तो इससे पार्टी को नुकसान होगा।
अजय सिंह ने कहा कि उन्हें सोनिया गांधी के नेतृत्व में पूरा भरोसा है। उन्होंने माना कि 23 नेताओं के समूह में उन्होंने दस्तखत जरूर किए थे लेकिन पार्टी को नुकसान हो ऐसा वे कभी नहीं चाहते। जिस पत्र पर उन लोगों ने दस्तख़त किए थे, वह पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र के लिए था और मैं उस बात के साथ आज भी खड़ा हूं। बाक़ी जो बातें हैं वे दूसरे नेताओं की निजी राय है।
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पुत्र संदीप दीक्षित ने भी अपने आप को विद्रोही गुट से अलग कर लिया है। संदीप दीक्षित भोपाल में अपना एनजीओ भी चलाते हैं। संदीप दीक्षित का मानना है कि उन्होंने 23 नेताओं वाले पत्र में हस्ताक्षर जरूर किए थे लेकिन अब जो हो रहा है उससे वे सहमत नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ नेता क्या कर रहे हैं उन्हें इसकी जानकारी नहीं है पार्टी में कोई ग्रुप नहीं है, यह कुछ लोगों का समूह है जिसने अपनी राय रखी है। हम उनकी राय के साथ हैं। इनमें से कुछ लोग या कुछ अन्य लोग कुछ करते हैं तो ये उनका अपना मामला है।
अजय सिंह और संदीप दीक्षित के अलावा राज्यसभा के पूर्व उपसभापति पीजे कूरियन और पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली ने भी यह कहा है कि जिस तरह की बयानबाजी हो रही है वह पार्टी के लिए ठीक नहीं है। इससे बचा जाना चाहिए। कांग्रेस में सुधार की बहुत ज़रूरत भी है लेकिन लक्ष्मण रेखा को नहीं लांघा जाना चाहिए।
कुरियन ने कहा कि इन नेताओं के काम कांग्रेस को मजबूत करने की दिशा में सही क़दम हैं लेकिन इससे ऐसा नहीं लगना चाहिए कि वे कांग्रेस से असंतुष्ट हैं। वहीँ पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा कि जब पांच राज्यों के चुनाव हो रहे हैं, पार्टी से जुड़े किसी मसले पर चर्चा करने का यह सही समय नहीं है। उन्होंने कहा कि वह किसी भी असंतुष्ट समूह का हिस्सा बनना नहीं चाहते और इसीलिए उन्होंने पहले ही ख़ुद को इससे अलग कर लिया है।
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले जम्मू में ‘गांधी ग्लोबल फैमिली’ नाम के एनजीओ के कार्यक्रम में कांग्रेस के असंतुष्ट नेता पहुंचे थे और कांग्रेस नेतृत्व पर जमकर निशाना साधा था। यह एनजीओ गुलाम नबी आजाद का है जिनका राज्यसभा कार्यकाल हाल ही में खत्म हुआ है। जम्मू के मंच पर कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, भूपेंदर सिंह हुडडा और राज बब्बर समेत अन्य नेता नजर आए थे।